पटना, 31 जुलाई (भाषा) दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर के ‘बेसमेंट’ में पानी भरने से सिविल सेवा के तीन अभ्यर्थियों की मौत के बाद बिहार शिक्षा विभाग ने बुधवार को राज्य भर के कोचिंग संस्थानों की नये सिरे से जांच के लिए निर्देश जारी किए।
बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस. सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) नियमावली के तहत नियमों में भी सुधार किया जा रहा है।
सिद्धार्थ ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “राज्य के सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जिलों में कोचिंग संस्थानों द्वारा नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए, जो मौजूदा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं। उन्हें (कोचिंग संस्थानों को) निर्धारित मानकों के अनुसार विद्यार्थियों को सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, शिक्षा विभाग ने मानदंडों के बेहतर अनुपालन के लिए दिशा-निर्देशों को और भी बेहतर बनाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
सिद्धार्थ ने कहा, ‘बिहार कोचिंग संस्थान (नियंत्रण और विनियमन) अधिनियम, 2010 की प्रासंगिक धाराओं के तहत शक्तियों का उपयोग कर नये दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे।’
इस बीच, पटना में जिला प्रशासन ने उन सभी कोचिंग संस्थानों की जांच का आदेश दिया, जो मानदंडों का उल्लंघन कर संचालित किये जा रहे हैं।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “दिल्ली की घटना को ध्यान में रखते हुए, पटना में जिला प्रशासन ने सभी अनुमंडलों के संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों के दस्तावेजों को सत्यापित करने का निर्देश दिया है। जिन कोचिंग संस्थानों के दस्तावेजों को सत्यापित करने की आवश्यकता है, उनमें संबंधित अधिकारियों से अनिवार्य अनुमति और अन्य आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र हासिल किया जाना शामिल हैं।”
सिंह ने कहा, “मैंने आज (बुधवार) पटना में सक्रिय सभी कोचिंग संस्थानों के मालिकों की एक बैठक भी बुलाई है। बैठक में हम उनसे (मालिकों से) यह सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे कि ऐसे संस्थान चलाने के लिए संबंधित अधिकारियों से सभी आवश्यक अनुमतियां उनके पास जरूर हों। ”
उन्होंने कहा, “हम उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए एक समय सीमा देंगे ताकि वे उस समय सीमा के भीतर सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर लें। उसके बाद, उन सभी केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी, जो मौजूदा मानदंडों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे।”
भाषा अनवर जितेंद्र
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