नीतीश ने जद (यू) में बड़े संगठनात्मक बदलाव की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया

नीतीश ने जद (यू) में बड़े संगठनात्मक बदलाव की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया

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  • Publish Date - December 28, 2023 / 01:32 PM IST,
    Updated On - December 28, 2023 / 01:32 PM IST

पटना, 28 दिसंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में शुरू होने वाले, जनता दल (यू) के दो दिवसीय सम्मेलन से पहले अपनी पार्टी में बड़े संगठनात्मक बदलाव की अटकलों के बारे में पूछे गए सवालों को टाल दिया।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत अरूण जेटली के जन्मदिवस पर आयोजित एक राजकीय समारोह में शामिल होने के बाद दिल्ली के लिए अपनी उड़ान भरने से पहले पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत के दौरान, उनके जद (यू) का अध्यक्ष बनने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, ‘‘कोई चिंता मत करिए, सब सामान्य है। साल में एक बार बैठक की परंपरा है, तो सामान्य है, ऐसा कुछ खास नहीं है।’’

जद (यू) के शीर्ष नेता की यह टिप्पणी इन अटकलों की पृष्ठभूमि में आई है कि नीतीश के विश्वासपात्र माने जाने वाले राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ ने उनसे कहा है कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ना चाहते हैं।

जब मुख्यमंत्री से पूछा गया कि क्या 29 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली जद (यू) की महत्वपूर्ण बैठकों में ललन द्वारा अपने इस्तीफे की औपचारिक पेशकश करने की संभावना है, तो उन्होंने सीधा जवाब नहीं दिया।

मुख्यमंत्री से उनके, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में जाने के बारे में पूछा गया। इस सवाल का भी उन्होंने जवाब नहीं दिया।

वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने हाल ही में दावा किया था कि जद (यू) के सर्वोच्च नेता अपने पार्टी प्रमुख की अपने सहयोगी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ निकटता से असहज और पार्टी में टूट को लेकर आशंकित हैं।

सुशील कुमार मोदी पहले, नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं और उन्हें करीब से जानते हैं।

भाजपा नेता ने यह भी दावा किया था कि नीतीश की राजग खेमे में वापसी के बारे में अफवाहें जानबूझकर उनकी पार्टी, जद (यू) द्वारा ही फैलाई जा रही हैं, और यह बिहार में महागठबंधन के सहयोगी दलों राजद और कांग्रेस को नियंत्रण में रखने की उनकी योजना का हिस्सा है।

उन्होंने कहा था, ”लेकिन सच तो यह है कि उनके (नीतीश कुमार) लिए भाजपा के दरवाजे बंद हो गए हैं।”

भाषा अनवर मनीषा

मनीषा