पटना। राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपने जन सुराज अभियान के तहत महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर रविवार को पश्चिम चंपारण जिले से बिहार में 3500 किलोमीटर की ‘‘पदयात्रा’’ शुरू करेंगे।
उम्मीद है कि किशोर की यह यात्रा 12-18 महीनों तक चलेगी जिसके बाद उनके व्यापक रूप से राजनीति के क्षेत्र में नए सिरे से कदम रखने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
हालांकि किशोर ने अक्सर इस बात पर जोर दिया है कि ऐसा कोई भी निर्णय केवल वे लोग ही ले सकते हैं जो खुद को उनके साथ अभियान में जोड़ते हैं।
किशोर 2018 में जनता दल युनाईटेड (जदयू) में शामिल हुए थे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सार्वजनिक आलोचना करने पर 2020 में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। खासकर जब कुमार ने संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन किया था तब किशोर ने उनकी आलोचना की थी।
एक बयान में कहा गया है कि किशोर यात्रा के दौरान हर पंचायत और प्रखंड तक पहुंचने का प्रयास करेंगे और बिना कोई अवकाश लिए इसके अंत तक इसका हिस्सा रहेंगे।
वह अपनी यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के भितिहारवा में गांधी आश्रम से करेंगे जहां राष्ट्रपिता ने 1917 में अपना पहला सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।
बयान में कहा गया है कि यात्रा के तीन मुख्य लक्ष्य हैं जिसमें जमीनी स्तर पर सही लोगों की पहचान करना और उन्हें एक लोकतांत्रिक मंच पर लाना शामिल है।
यह यात्रा शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के विचारों को शामिल करके राज्य के लिए एक विजन दस्तावेज बनाने का भी काम करेगी।
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