Bihar Election | Photo Credit: IBC24
बिहार: Bihar Election बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों को आने में अभी भी थोड़ा वक्त है। इससे पहले पक्ष-विपक्ष ने वोटर वेरिफिकेशन को बिहार से निकालकर देश का सबसे बड़ा पॉलिटिकल मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन जब से चुनाव आयोग ने इस बारे उठाए गए सवालों पर स्थिति साफ की है, तब से NDA उल्टे महागठबंधन नेताओं को ये कहकर घेर रहा है कि बिना फर्जी वोटर्स के RJD-कांग्रेस चुनाव जीत ही नहीं सकते।
Bihar Election बिहार में वोटर वेरिफिकेशन की SIR प्रक्रिया को लेकर दिल्ली से लेकर राजधानी पटना तक सियासी घमासान मचा है। गुरूवार को भी संसद भवन के बाहर प्रदर्शन हुआ और सोनिया गांधी भी पहली बार इसमें शामिल हुई। पटना में RJD नेता तेजस्वी यादव चुनाव आयोग पर जमकर बरसे। चुनाव के बहिष्कार के विकल्प पर विचार की बात कहकर बड़ा दांव चल दिया।
तेजस्वी यादव के इस दांव को NDA नेताओं ने संभावित हार की हताशा करार देकर पलटवार किया। SIR पर जारी घमासान के बीच चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भी इस पर सवाल खड़े करने वालों को जवाब दिया। ज्ञानेश कुमार ने शुद्ध मतदाता सूची को निष्पक्ष चुनाव और मजबूत लोकतंत्र की आधारशिला बताया।
वहीं इस पर सवाल खड़े करने वालों से पूछा, क्या चुनाव के बहिष्कार के डर से चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाए, जिन लोगों की पहले मौत हो चुकी है, उन्हें वोट डालने दे? जो लोग बिहार से स्थायी रूप से बाहर शिफ्ट हो चुके हैं, क्या उन्हें बिहार में वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए? क्या फर्जी वोटरों और घुसपैठियों को वोट डालने देना चाहिए? और क्या जो लोग बिहार से बाहर शिफ्ट हो गए हैं, उन्हें दो-दो जगहों पर वोटिंग का अधिकार दिया जाए? क्या चुनाव आयोग डरकर या बहकावे में आकर लोकतंत्र की हत्या होने दे?
बिहार में SIR को लेकर NSUI ने पटना में गुरूवार को उग्र प्रदर्शन किया। जिसे काबू करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज का सहारा लिया। कुल मिलाकर SIR को लेकर संसद से सड़क तक संग्राम छिड़़ा है। 26 जुलाई को वोटर वेरिफिकेशन की चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया पूरी हो रही है। इसके दो दिन बाद 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई बेहद महत्वपूर्ण होने जा रही है।