हितेश की व्यासवाणी: परिवर्तनों’ से भरी भाजपा की परिवर्तन यात्रा से छत्तीसगढ़ में होगा परिवर्तन?

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  • Publish Date - September 12, 2023 / 11:40 PM IST,
    Updated On - September 13, 2023 / 01:46 PM IST

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हितेश व्यास

सीनियर असिस्टेंट एडिटर, IBC24

छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी परिवर्तन यात्रा निकाल रही है। (Hitesh Vyas Ki Vyasvani) 12 सितंबर को बस्तर के दंतेवाड़ा से यात्रा का आगाज कर दिया। भाजपा के दिग्गज नेता परवर्तन यात्रा के रथ पर सवार होकर निकल पड़े हैं, इस उम्मीद में कि यात्रा के जरिए पार्टी का संदेश जनता तक पहुंचेगा, एक बार फिर परिवर्तन की बयार बहेगी और प्रदेश की सत्ता पर भाजपा फिर से काबिज होगी। यात्रा तो शुरू हो गई लेकिन जिन परिस्थितियों में यात्रा को रवाना किया गया उसने पार्टी की तैयारियों की फजीहत करा दी। भारतीय जनता पार्टी सबसे अनुशासित पार्टी मानी जाती है, जहां छोटे से छोटे कार्यक्रम बड़े इवेंट की तरह आयोजित किए जाते हैं, हर चीज पूरी प्लानिंग के साथ की जाती है। लेकिन ‘परिवर्तन यात्रा’ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन की शुरुआत का कार्यक्रम पूरी तरह से कंफ्यूजन से भरा रहा।

सत्ता में परिवर्तन की चाह में भाजपा ने परिवर्तन यात्रा निकालने का फैसला किया है.. मौका बड़ा था इसलिए छत्तीसगढ़ की सत्ता की चाबी कहे जाने वाले बस्तर संभाग से यात्रा को शुरू करने की प्लानिंग की गई, परिवर्तन यात्रा के लिए रथ तैयार किया गया, राह में चलने वाला बेड़ा भी तैयार था.. हफ्तों से नेता कार्यकर्ता तैयारी में जुटे थे.. पोस्टरों और अखबारों में विज्ञापनों के साथ खूब फोटोबाजी भी हुई.. तमाम प्लानिंग की गई, प्रदेश के दिग्गज नेताओ को मोर्चे पर तैनात किया गया.. हरी झंडी दिखाने के लिए पार्टी के सबसे बड़े रणनीतिकार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आने का कार्यक्रम तय हुआ.. पार्टी के नेता अपने चाणक्य का पलक पावड़े बिछाकर इंतजार में थे.. लेकिन ऐन मौके पर अमित शाह का दौरा रद्द हो गया।

सुबह तक सबकुछ प्लान के मुताबिक था.. तय कार्यक्रम के मुताबिक शाह को करीब 10 बजे दंतेवाड़ा पहुंचना था, फिर खबर आई की शाह के आने में देरी होगी और वो दोपहर डेढ़ बजे आएंगे.. लेकिन दोपहर 1 बजे के करीब खबर आई कि खराब मौसम की वजह से अमित शाह दंतेवाड़ा नहीं आ रहे हैं.. खबर आते ही भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में मासूसी छा गई.. पार्टी ने दंतेवाड़ा के कारली (जहां शाह का हेलिकॉप्टर लैंड होना था) से दंतेवाड़ा मुख्यालय तक शाह के स्वागत में बाइक रैली का आयोजन किया था.. हालांकि शाह के नहीं आने की खबर के बाद भी कार्यकर्ताओं ने बाइक रैली निकाली.. शाह का दौरा रद्द होने से नेता और कार्यकर्ता डाउन नजर आ रहे थे.. इसी बीच खबर आई कि शाह की जगह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी परिवर्तन यात्रा में शामिल होने दंतेवाड़ा पहुंच रही हैं.. छत्तीसगढ़ भाजपा ने ट्वीट (एक्स) कर इसकी जानकारी दी, लेकिन थोड़ी ही देर में फिर वो ट्वीट भी डिलीट कर दिया गया.. अब यहां सवाल ये भी है कि जब अमित शाह के आने में मौसम का रोड़ा था तो स्मृति ईरानी को भी तो दिल्ली से ही आना था।

शाम करीब 4 बजे स्मृति ईरानी का विमान जगदलपुर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, खबर मिली कि यहां से स्मृति हेलिकॉप्टर से दंतेवाड़ा जाएंगी और परिवर्तन यात्रा में शामिल होंगी.. उधर कार्यक्रम में देरी होने पर प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी नितिन नबीन ने परिवर्तन यात्रा के रथ को हर झंडी दिखाकर रवाना कर दिया.. रथ पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व सीएम और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सवार थे। इधर फिर खबर आई कि स्मृति ईरानी परिवर्तन यात्रा में शामिल नहीं होंगी और कोलकाता रवाना होंगी। दिनभर चले इसी कंफ्यूजन के बीच परिवर्तन यात्रा की शुरुआत तो हो गई लेकिन ये पूरा आयोजन भाजपा की कार्यशैली के बिलकुल विपरीत नजर आया।

यात्रा के आगाज से पहले सभा स्थल पर प्रदेश बीजेपी के नेताओं ने मंच से हुंकार भरी, राज्य सरकार पर जमकर प्रहार किए और प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनाने का संकल्प लिया.. लेकिन शाह का दौरा रद्द होने के चलते कांग्रेस को मजे लेने का मौका तो मिल ही गया था, लिहाजा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसने में देरी नहीं कि और कह दिया कि ‘जब अंजाम ऐसा है तो आगे हश्र कैसा होगा’.. भूपेश यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि चूंकी भाजपा के कार्यक्रम में भीड़ नहीं जुट पाई इसलिए शाह ने अपना दौरा रद्द कर दिया। उधर भाजपा नेता खूब भीड़ जुटने का दावा करते रहे।

‘व्यासवाणी’ कहती है कि परिवर्तन यात्रा भाजपा के चुनावी अभियान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, 15 साल सत्ता में रहने के बाद महज 15 सीटों पर सिमटने वाली भाजपा, परिवर्तन यात्रा के जरिए प्रदेश में फिर से अपने खोए जनाधार को पाने की कोशिश में है। इसी के चलते बस्तर से परिवर्तन यात्रा को रवाना करने की रणनीति तैयार की गई.. फिलहाल बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, साल 2013 के चुनाव में भी भले ही भाजपा सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही थी लेकिन तब भी इन 12 सीटों में से 10 पर कांग्रेस का कब्जा था, यानि भाजपा भी अच्छी तरह से समझती है कि आम बस्तरवासियों का विश्वास जीते बिना परिवर्तन की उम्मीद करना मुश्किल होगा। इसी तरह सरगुजा संभाग भी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती है, जहां की सभी 14 सीटों में भाजपा खाली हाथ है। इसलिए परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण 15 सितंबर को सरगुजा के जशपुर से शुरू होगा। परिवर्तन यात्रा का रथ प्रदेश की 87 विधानसभा सीटों से गुजरेगा। दोनों यात्राओं का समापन 28 सितंबर को बिलासपुर में होगा, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ गठन के बाद ये तीसरी परिवर्तन यात्रा है.. पहली यात्रा 2003 में भाजपा ने ही निकाली थी, तब भाजपा सत्ता पर काबिज होने में भी कामयाब हुई थी.. वहीं आज से ठीक 10 साल साढ़े 3 महीने पहले 25 मई 2013 को इसी बस्तर में एक और ‘परिवर्तन यात्रा’ अधूरी रह गई थी, एक भयानक और खौफनाक घटना के चलते कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाई, उस दर्दनाक घटना के जख्म आज भी हरे हैं, जब भी झीरम घाटी कांड का जिक्र आता है, वो खौफनाक मंजर नजरों के सामने दौड़ पड़ता है.. तब कांग्रेस विपक्ष में थी और राज्य की सत्ता पर रमन सिंह काबिज थे, आज उसी बस्तर से भाजपा परिवर्तन यात्रा निकाल रही है परिवर्तन रथ पर रमन सिंह सवार हैं।

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