IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर रितेश कुमार का एक ही संकल्प, सेना में अफसर बनकर देश सेवा की चाहत

12वीं टॉपर रितेश कुमार का एक ही संकल्प! IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022: Success Story of 12th Topper ritesh kumar sahu

IBC24 Swarn Sharda Scholarship 2022 : 12वीं टॉपर रितेश कुमार का एक ही संकल्प, सेना में अफसर बनकर देश सेवा की चाहत
Modified Date: November 29, 2022 / 01:02 am IST
Published Date: July 7, 2022 8:22 am IST

रायपुर। अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस साल भी IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप दिया जा रहा है। IBC24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल टॉपर बेटियों को ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक संभाग के टॉपर बेटों को भी दी जाएगी। बालोद जिले की रितेश कुमार साहू ने जिले का मान बढ़ाया है। 12वीं परीक्षा में 478 अंक हासिल किया। रितेश कुमार साहू ने शा. हा. से. स्कूल, झलमला, जिला बालोद में अपना पढ़ाई पूरी की है।

रितेश कुमार ने बताया कि “कठिन प्रश्न की तैयारी शुरू से ही अधिक करना चाहिए। यही मैंने किया। इसका फायदा ये रहा कि मैं कठिन विषयों में फंसा नहीं। समय रहते इसकी अच्छी तैयारी हो सकी।“

रितेश का मकसद सेना में बतौर अफसर करेंगे देश सेवा

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रितेश कुमार साहू की जुबानी….मनोयोग से किया गया कोई भी काम कभी विफल नहीं होने देता। कोई भी काम करो उसे पूरे साहस, तैयारी, जानकारी और समर्पण के साथ करो। मैंने अपनी सफलता की स्क्रिप्ट इन्हीं पायदानों के बूते लिखी। एक तय समय और उस समय में तय विषय की पढ़ाई। हर काम के लिए मैंने एक दिनचर्या बनाई। स्कूल के अलावा किन विषयों में कठिनाई हो रही है उन पर अलग से कैसे काम करना है, यह सब समझा। अपनी तैयारी में सभी तरह की चीजों को समाहित किया। ऊंची उड़ान के लिए रनअप अच्छा होना चाहिए। इसलिए मैंने अपनी पढ़ाई में सबसे पहले कठिन प्रश्नों, यूनिटों को चुना। इससे यह फायदा हुआ कि मेरी एनर्जी इन विषयों पर शुरुआत से ही लगी रही। सरल विषयों की तैयारी करके रख दी। अब सिर्फ रिवीजन का काम रह गया था। वह चलता रहा। कठिन विषयों पर अधिक फोकस करना जरूरी थी। इससे यह होता है कि हम पर्याप्त समय के साथ इसे समझ लेते हैं। एग्जाम के पास आते ही जो एनजाइटी होती है वह नहीं रहती। झलमला जैसे छोटे से गांव से उठकर मैं संसार के फलक पर छाना चाहता हूं। मेरे अऱमान हैं एनडीए करके भारतीय सैन्य सेवाओं में जाऊं। देश की रक्षा में सलंग्न लोग मुझे हमेशा से ही प्रेरित करते रहे हैं। बतौर अफसर इन सेवाओं में जाना अपने आपमें गौरव की बात होती है। इस वर्ष से ही एनडीए की तैयारी शुरू कर दी गई है। आशा है निकालकर लखनऊ जाऊंगा। आईबीसी-24 की ओर से दी जाने वाली स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप पाकर गौरवान्वित हूं।


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