Indian Man Marries Greek Girlfriend / महाकुंभ में भारतीय लड़के ने ग्रीस की लड़की से रचाई शादी / Image Source: ANI
महाकुंभ नगर: Indian Man Marries Greek Girlfriend प्रयागराज में आयोजित पूर्ण महाकुंभ का भव्य नजारा रोजाना देखने को मिल रहा है। वहीं, कल मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। दो दिन पहले ही महाकुंभ नगर की हालत ऐसी हो गई है कि पैर रखने की जगह नहीं है। लेकिन इस बीच महाकुंभ नगर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल यहां एक भारतीय युवक ने अपनी ग्रीक निवासी प्रेमिका के साथ शादी रचाई है। दोनों की शादी बेहद सुर्खियों में है।
Indian Man Marries Greek Girlfriend मिली जानकारी के अनुसार सिद्धार्थ और पेनेलोपे एक दूसरे से मोहब्बत करते थे और दोनों ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए 26 जनवरी को प्रयागराज में शादी कर ली। दोनों की शादी पारंपरिक वैदिक विधि विधान से हुई है। अहम बात ये है कि सिद्धार्थ जितना कुंभ और शादी के बंधन को पवित्र मानते हैं उतनी ही आस्था पेनेलोपे की भी है। पेनेलोपे का कन्यादान स्वामी यतिंद्रानंद गिरी ने किया है, जो जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं। हालांकि इस दौरान सिद्धार्थ और पेनेलोपे के परिवार और रिश्तेदार भी वहां मौजूद थे।
सिद्धार्थ ने बताया कि “हम दोनों एक-दूसरे से शादी करके बहुत आभारी हैं। वह मेरे लिए बहुत खास हैं। जब हम दोनों ने शादी का निर्णय लिया, तो हम चाहते थे कि यह शादी सरल और दिव्य तरीके से हो और इसके लिए हमने प्रयागराज और महा कुंभ को चुना।” उन्होंने यह भी कहा, “यह जगह न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सबसे अच्छी जगह है, जहां सभी प्रकार की दिव्यता और तीर्थ स्थल हैं। यहां हम महान आत्माओं से मिलते हैं, और स्वामी जी से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो हमारे दिल और आत्मा को शांति देता है।”
सिद्धार्थ ने विवाह के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “विवाह एक पवित्र संस्था है, जो हमें यह समझाने में मदद करता है कि पुरुष और महिला एक-दूसरे के पूरक होते हैं। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे होते हैं। प्राचीन परंपराओं का पालन करना कोई बुरी बात नहीं है, और इसलिए हमने आज इस वेदिक तरीके से शादी करने का निर्णय लिया।” पेनेलोपे, जिन्होंने बौद्ध धर्म से हिंदू धर्म में परिवर्तन किया, इस शादी को जादुई और अवर्णनीय बताया।
उन्होंने कहा, “जो कुछ भी आज हुआ, वह शब्दों से परे था। जब मैं कुछ तस्वीरें देखती हूं, तो मुझे महसूस होता है कि हम दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर रहे थे। यह एक आध्यात्मिक तरीके से किया गया विवाह था, और यह अद्भुत था।” पेनेलोपे ने यह भी बताया कि वह अपने जीवन में शांति और उद्देश्य की तलाश में थीं, और अंततः उन्होंने सनातन धर्म को अपनाया। उन्होंने कहा, “हर चीज सनातन धर्म से आती है, और यही वह रास्ता है जो मुझे सही दिशा में ले जाता है।”
पेनेलोपे ने यह भी शेयर किया कि वह 29 जनवरी को प्रयागराज में पवित्र स्नान करने की योजना बना रही हैं। उन्होंने कहा कि “यह मेरे लिए एक अर्थपूर्ण और सुखमय जीवन जीने का तरीका है, जो जन्म और मृत्यु के चक्र से बाहर निकलने में मदद करेगा।” इस प्रकार, सिद्धार्थ और पेनेलोपे की शादी न केवल एक सुंदर मिलन थी, बल्कि यह धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का भी प्रतीक बन गई।