राष्ट्रपति ने कहा, तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, कृषि के नए कानून से पुरानी सुविधाओं पर कमी नहीं

राष्ट्रपति ने कहा, तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, कृषि के नए कानून से पुरानी सुविधाओं पर कमी नहीं

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  • Publish Date - January 29, 2021 / 06:17 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

नईदिल्ली। संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

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राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने बीते 6 वर्षों में बीज से लेकर बाज़ार तक हर व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास किया है, ताकि भारतीय कृषि आधुनिक भी बने और कृषि का विस्तार भी हो। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम हो, मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति हो, या फिर अंडर ग्राउंड माइन्स में तथा ओपन कास्ट माइन्स में महिलाओं को रात्रि में कार्य करने की अनुमति ये सभी निर्णय पहली बार मेरी सरकार ने ही लिए हैं।

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संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा किसंसद की नई इमारत को लेकर पहले की सरकारों ने भी प्रयास किए थे। यह सुखद संयोग है कि आजादी के 75वें वर्ष की तरफ बढ़ते हुए हमारे देश ने संसद की नई इमारत का निर्माण शुरू कर दिया है। नए संसद भवन के बनने से अपने संसदीय दायित्वों को निभाने में हर सदस्य को अधिक सुविधा मिलेगी ।

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जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया।हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है। मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। LAC पर भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए अतिरिक्त सैन्यबलों की तैनाती की गई है । रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने HAL को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है