कच्चा जूट, कामगारों की कमी की वजह से पश्चिम बंगाल की 16 मिलें बंद

कच्चा जूट, कामगारों की कमी की वजह से पश्चिम बंगाल की 16 मिलें बंद

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  • Publish Date - May 20, 2021 / 04:23 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

कोलकाता, 20 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के जूट क्षेत्र में संकट गहराता जा रहा है। हाल में कच्चे माल की बढ़ती कमी तथा कोविड ​​​​-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगाए गए ‘लॉकडाउन’ के कारण मजदूरों की कमी होने की वजह से करीब 16 जूट मिलें बंद हो गई हैं। उद्योग संगठन के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उसने कहा कि इन मिलों के बंद होने से करीब 50,000 कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।

भारतीय जूट मिल संघ (आईजेएमए) के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘प्रदेश के 16 मिलों में से पांच मिलें मुख्य रूप से कच्चे माल के संकट के कारण पिछले चार दिनों में बंद हो गई हैं। हमें आशंका है कि अगले कुछ दिनों में अन्य 10 इकाइयां परिचालन बंद करने की घोषणा कर सकती हैं।’’

राज्य में करीब 60 जूट मिलों में करीब ढाई लाख मजदूर काम करते हैं।

जूट मिल संघ के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा जूट की बोरियों के भुगतान में देरी से भी स्थिति बिगड़ी है।’’

उन्होंने कहा कि स्थिर नकदी प्रवाह के बिना, मिल मालिक अपने मजदूरों को मजदूरी देने में दिक्कत का सामना कर सकते हैं।

आईजेएमए के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जूट उद्योग में संकट को हल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए। नारद मुद्दे को लेकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हमें केंद्र सरकार और टीएमसी सरकार से समन्वित सहायता मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।’’

उन्होंने कहा कि राज्य में लगाए गए सख्त ‘लॉकडाउन’ के बीच, मिल मालिकों को जूट बैग ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही में समस्या से भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण