मुंबई, 19 मार्च (भाषा) संसद में अप्रैल 2014 में बने कंपनी कानून के तहत कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) को अनिवार्य किये जाने के बाद से 328 बड़ी कंपनियों ने इसके तहत 2015 से 2020 के दौरान कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यों से जुड़ी 775 परियोजनाओं में 1,653 करोड़ रुपये खर्च किये। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
पूर्व संप्रग सरकार ने 500 करोड़ रुपये सालाना आय वाली कंपनियों के लिये अपने पिछले तीन साल की शुद्ध आय का 2 प्रतिशत कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत समावेशी वृद्धि के लिये रखना अनिवार्य किया था। इसके लिये कंपनी कानून की धारा 135 में संशोधन किया गया। तबसे समावेशी वृद्धि योजनाओं में हजारों करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।
केपीएमजी इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष 100 कंपनियों ने सामूहिक रूप से 2014-15 से सितंबर 2019-20 तक सीएसआर मद में 35,077 करोड़ रुपये खर्च किये।
नॉसकॉम फाउंडेशन, जेपी मोर्गन और सत्व कंसल्टिंग ने एक रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा कि 2014-15 से 2019-20 के दौरान 328 कंपनियों ने सीएसआर के तहत कौशल विकास और प्रशिक्षण से जुड़ी 775 परियोजनाओं में 1,653 करोड़ रुपये खर्च किये।
यह अध्ययन अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के बीच किया गया। इसमें 27 कौशल विकास संठनों और इन संगठनों से प्रशिक्षण प्राप्त 33,000 उम्मीदवारों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 15 साल में कौशल विकास को तेजी से आगे बढ़ाया गया है। इससे तेजी से कौशल विकास का परिवेश तैयार हुआ है।
इसमें कहा गया है कि कौशल प्रशिक्षण प्रत्येक एक रुपये के निवेश से उम्मीदवारों के वेतन के आधार पर 2 से 19 रुपये का रिटर्न मिला। इसमें औसत लाभ 6.67 रुपये है।
भाषा
रमण मनोहर
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