आईटी हार्डवेयर की पीएलआई योजना में मिले 40 आवेदन, 4.65 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की प्रतिबद्धता
आईटी हार्डवेयर की पीएलआई योजना में मिले 40 आवेदन, 4.65 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की प्रतिबद्धता
नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) फॉक्सकॉन, एचपी, डेल और लेनोवो समेत 40 कंपनियों ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के हार्डवेयर क्षेत्र के लिए ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन’ (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन किया है। उन्होंने योजना अवधि में 4.65 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईटी उत्पादों के विनिर्माण की प्रतिबद्धता जताई है।
सरकार ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में यह जानकारी दी।
आईटी हार्डवेयर क्षेत्र की पीएलआई योजना के तहत आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त थी।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, अगर आवेदन करने वाली सभी कंपनियां इसके लिए चुन ली जाती हैं, तो उन्हें सरकार को प्रोत्साहन राशि के तौर पर कुल 22,890 करोड़ रुपये देने होंगे। हालांकि, इस योजना के लिए बजट आवंटन 17,000 करोड़ रुपये ही है।
आईटी हार्डवेयर क्षेत्र के लिए घोषित पीएलआई योजना के जरिये लैपटॉप, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और टैबलेट जैसे उपकरणों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाने की पहल की गई है। योजना के लिए चयनित होने वाली कंपनियों को सरकार से प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
यह योजना इस लिहाज से भी अहम है कि सरकार ने एक नवंबर से लैपटॉप एवं टैबलेट जैसे आईटी उपकरणों के आयात पर कई तरह के अंकुश लगाने की घोषणा की है। अब इन उत्पादों का सीधे आयात नहीं किया जा सकेगा और इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी होगा।
आवेदन करने वाली कंपनियों में से 27 घरेलू विनिर्माण श्रेणी का हिस्सा हैं जबकि सात वैश्विक कंपनियों समेत 13 कंपनियों ने हाइब्रिड श्रेणी के लिए आवेदन किया है।
सरकारी बयान के मुताबिक, डेल और एचपी जैसी बड़ी आईटी हार्डवेयर कंपनियां इस योजना में प्रत्यक्ष भागीदारी कर रही हैं जबकि एचपीई, लेनोवो, एसर, आसुस और थॉमसन जैसी वैश्विक कंपनियां फ्लेक्सट्रॉनिक्स एवं राइजिंग स्टार जैसी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवा कंपनियों के जरिये हिस्सा ले रही हैं।
दुनिया की अग्रणी फोन विनिर्माता एप्पल के लिए आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने भी एक अनुषंगी के जरिये इस योजना के लिए आवेदन किया है।
घरेलू स्तर पर सक्रिय कंपनियों डिक्सन, वीवीडीएन, नेटवेब, सिरमा, ऑप्टिमस, सहस्र, नियोलिंक, पनाश, सोजो (लावा) और केन्स टेक्नोलॉजीज भी इस आवेदन प्रक्रिया में शामिल हुई हैं।
बयान के मुताबिक, ‘‘आवेदकों ने 17,000 करोड़ रुपये के बजट आवंटन के उलट 22,890 करोड़ रुपये की पीएलआई राशि रहने का अनुमान जताया है। इसके अलावा इन आवेदकों ने कुल 4.65 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन होने का अनुमान जताया है जबकि लक्ष्य 3.35 लाख करोड़ रुपये का था।’’
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा था कि आईटी हार्डवेयर के लिए संचालित पीएलआई योजना को कंपनियों से जबर्दस्त प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने कहा था कि भारत आपूर्ति श्रृंखला के एक विश्वसनीय भागीदार और मूल्य-वर्धित साझेदार के रूप में उभर रहा है।
पिछले आठ साल में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का विनिर्माण 17 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ा है। इस साल यह 105 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। इस दौरान भारत मोबाइल फोन का दूसरा बड़ा उत्पादक देश बन चुका है।
भाषा प्रेम अजय
अजय

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