नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) सरकार कोल इंडिया की इकाई एसईसीएल की जमुना खुली खदान परियोजना की 88.07 प्रतिशत भूमि दोबारा हासिल करने में सफल रही है।
सरकार ने पर्यावरण पर कोयला खनन का दुष्प्रभाव कम करने के लिए निरंतर पुनर्ग्रहण और वन लगाने की पहल के साथ पर्यावरणीय प्रबंधन की दिशा भी में कई कदम उठाए हैं।
साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की मध्य प्रदेश में स्थित जमुना खुली खदान परियोजना में प्राकृतिक संसाधन घटने के बाद जून, 2014 में खनन बंद कर दिया गया था।
कोयला मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, ‘‘खनन बंद होने के बाद खदान को सावधानीपूर्वक बंद करने का काम शुरू किया गया। हाल ही में उपग्रह से मिले आंकड़ों के मुताबिक, खदान की 88.07 प्रतिशत जमीन को सफलतापूर्वक बहाल कर लिया गया है। यह टिकाऊ कोयला खनन प्रक्रियाओं के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’’
कई प्रयासों से दोबारा हासिल की गई करीब 672 हेक्टेयर जमीन के एक बड़े हिस्से में जंगल लगाया गया है। बंद खदान को प्रक्रियागत सुधारों से पर्यावरणीय रूप से सक्षम जमीन में बदला जाता है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ऐसे व्यापक प्रयासों से मंत्रालय उद्योग के लिए एक मिसाल कायम करता है। यह दर्शाता है कि कोयला खनन जैसी आर्थिक गतिविधियों का पर्यावरण संरक्षण के साथ सह-अस्तित्व भी संभव है।’’
भाषा निहारिका रमण प्रेम
प्रेम