(8th Pay Commission/Image Credit: ANI News)
नई दिल्ली: 8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के शेष दो सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया और आयोग के कामकाज के तरीके भी स्पष्ट किए। नए वेतन आयोग का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन निर्धारण में जिम्मेदारी, जवाबदेही और प्रदर्शन को प्राथमिक आधार बनाना है। आयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्ते, बोनस, पेंशन और अन्य सुविधाओं में आवश्यक बदलावों की सिफारिश करेगा, ताकि एक ऐसा वेतन ढांचा तैयार हो जो कार्य प्रदर्शन को प्रोत्साहित करे और कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ाए।
अधिसूचना के अनुसार, आयोग की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। इसके अलावा प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य और पंकज जैन सदस्य सचिव होंगे। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। आयोग को अपनी रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर सरकार को सौंपनी होगी। इस प्रक्रिया में आयोग विशेषज्ञों, सलाहकारों और संस्थानों की मदद ले सकता है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि पिछले वेतन आयोगों की तरह फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया गया, तो 25,000 रुपये की मासिक पेंशन बढ़कर 50,000 रुपये तक हो सकती है।
आयोग मौजूदा बोनस योजनाओं और सभी भत्तों की पूरी समीक्षा करेगा। इसके तहत उनकी उपयोगिता और शर्तों का विश्लेषण होगा। यदि आवश्यक हुआ, तो गैर-जरूरी भत्तों को समाप्त भी किया जा सकता है। नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में शामिल कर्मचारियों के लिए मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं, एनपीएस से बाहर पुराने पेंशन योजना वाले कर्मचारियों के पेंशन और ग्रेच्युटी नियमों में भी सिफारिश की जाएगी।
अभी तक कोई आधिकारिक सूची नहीं आई है, लेकिन अनुमान है कि निम्न भत्ते प्रभावित हो सकते हैं:
सरकार का उद्देश्य वेतन संरचना को सरल, स्पष्ट और समझने में आसान बनाना है, जिससे कर्मचारियों के लिए अपने वेतन और भत्तों का प्रबंधन सरल हो।