पांच साल से छोटे बच्चों का ‘आधार’ सात साल पर अद्यतन करना अनिवार्य, अमान्य होने का खतरा

पांच साल से छोटे बच्चों का 'आधार' सात साल पर अद्यतन करना अनिवार्य, अमान्य होने का खतरा

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  • Publish Date - July 15, 2025 / 09:48 PM IST,
    Updated On - July 15, 2025 / 09:48 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) पांच साल से कम उम्र में आधार कार्ड बनवाने वाले बच्चों के लिए सात साल की उम्र पार करने के बाद अपने बायोमेट्रिक्स को अद्यतन करवाना जरूरी है। ऐसा न करने पर उनकी विशिष्ट पहचान संख्या को निष्क्रिय किया जा सकता है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ‘बायोमेट्रिक को अनिवार्य रूप से अद्यतन करने’ (एमबीयू) की प्रक्रिया पूरी करने के लिए बच्चों के आधार में दर्ज मोबाइल नंबर पर एसएमएस संदेश भेजना शुरू कर दिया है।

बयान के मुताबिक, ‘‘बच्चों के बायोमेट्रिक आंकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए एमबीयू का समय पर पूरा होना एक आवश्यक शर्त है। यदि सात वर्ष की आयु के बाद भी एमबीयू को पूरा नहीं किया जाता है, तो मौजूदा नियमों के अनुरूप आधार संख्या निष्क्रिय हो सकती है।’’

यूआईडीएआई के एक अधिकारी ने कहा कि अगर बच्चे अपनी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतली के ब्योरे को अद्यतन नहीं कराते हैं, तो उन्हें आधार से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

दरअसल, पांच साल से कम उम्र के बच्चों के आधार नामांकन के लिए उनकी उंगलियों के निशान और आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते हैं। पांच साल से कम उम्र के बच्चे की तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और प्रमाण के दस्तावेज से ही आधार के लिए नामांकन होता है।

बयान के मुताबिक, ‘‘मौजूदा नियमों के हिसाब से बच्चे के पांच साल का होने पर उसके आधार विवरण में उंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियों और तस्वीर को अनिवार्य रूप से अद्यतन करना जरूरी है। यह बायोमेट्रिक को अनिवार्य रूप से अद्यतन करने का पहला मौका होता है।’’

यदि बच्चा पांच से सात वर्ष की आयु के बीच अनिवार्य बायोमेट्रिक अद्यतन करवाता है तो यह निःशुल्क है। लेकिन सात वर्ष की आयु के बाद बायोमेट्रिक को अद्यतन कराने के लिए 100 रुपये का शुल्क लगता है।

यूआईडीएआई ने कहा कि अद्यतन बायोमेट्रिक के साथ बना आधार कार्ड बच्चे के जीवन को आसान बनाता है और स्कूल में प्रवेश, प्रवेश परीक्षाओं के लिए पंजीकरण, छात्रवृत्ति आदि सेवाओं का लाभ उठाने में आधार के निर्बाध उपयोग को सुनिश्चित करता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय