कृषि मंत्रालय ने चार आलू किस्मों को देशव्यापी खेती और प्रसंस्करण के लिए मंजूरी दी

कृषि मंत्रालय ने चार आलू किस्मों को देशव्यापी खेती और प्रसंस्करण के लिए मंजूरी दी

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  • Publish Date - September 8, 2025 / 07:42 PM IST,
    Updated On - September 8, 2025 / 07:42 PM IST

शिमला, आठ सितंबर (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने देश में आलू की उत्पादकता बढ़ाने के लिए केंद्रीय बीज समिति की सिफारिशों के आधार पर पूरे भारत में गुणवत्तापूर्ण बीज के रूप में कृषि उपयोग के लिए चार नई आलू किस्मों को मंजूरी दी है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि आईसीएआर के केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) द्वारा विकसित इन चार नई आलू किस्मों – कुफरी रतन, कुफरी चिपभारत-1, कुफरी चिपभारत-2 और कुफरी तेजस – को देश भर में बीज उत्पादन और प्रवर्धन के लिए मंजूरी दे दी गई है।

कुफरी रतन, एक मध्यम परिपक्वता अवधि (90 दिन), उच्च उपज (37-39 टन प्रति हेक्टेयर) लाल छिलके वाली टेबल आलू की किस्म है, जो उत्तर भारतीय मैदानी और पठारी क्षेत्रों जैसे हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मैदानी इलाकों के लिए उपयुक्त है। इसकी भंडारण क्षमता उत्कृष्ट है।

कुफरी तेजस एक ताप-सहिष्णु, मध्यम परिपक्वता अवधि (90 दिन) और उच्च उपज (37-40 टन प्रति हेक्टेयर) वाली आलू की किस्म है। इसे शुरुआती मौसम के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड जैसे भारतीय मैदानी इलाकों और मुख्य मौसम के लिए मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के लिए अधिसूचित और अनुशंसित किया गया है।

इसकी भंडारण क्षमता भी बहुत अच्छी है।

कुफरी चिपभारत-1 एक मध्यम परिपक्वता अवधि (100 दिन), उच्च उपज (35-38 टन प्रति हेक्टेयर) चिप प्रसंस्करण किस्म है।

यह मुख्य मौसम के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे भारतीय मैदानी इलाकों के लिए अनुशंसित है। परिवेशी भंडारण स्थितियों में इसकी भंडारण क्षमता बहुत अच्छी है। इसका चिप रंग स्वीकार्य है और इसमें कम अपचायक शर्करा होती है।

चौथी किस्म, जिसका नाम कुफरी चिपभारत-2 है, एक शीघ्र पकने वाली (90 दिन), उच्च उपज (35-37 टन प्रति हेक्टेयर) चिप प्रसंस्करण आलू किस्म है। इसे मुख्य मौसम में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे भारतीय मैदानी क्षेत्रों के लिए अधिसूचित और अनुशंसित किया गया है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय