नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि मशीनों की स्थापना, गुणवत्ता जांच, प्रशिक्षण और संयंत्र डिजाइन जैसे कार्यों के लिए विदेशी विशेषज्ञों को बुलाने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए ई-वीजा प्रणाली को सरल और सुव्यवस्थित कर दिया गया है।
इस कदम से घरेलू कंपनियों, खासकर चीन जैसे देशों से मशीनरी आयात करने वाली इकाइयों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए विदेशी पेशेवरों को आमंत्रित करने के लिए ई-उत्पादन व्यवसाय वीजा (ई-बी-4 वीजा) के तहत एक ऑनलाइन मॉड्यूल शुरू किया गया है।
इस मॉड्यूल के जरिये कंपनियां डिजिटल तरीके से प्रायोजन पत्र तैयार कर सकेंगी। यह मॉड्यूल 29 नवंबर से राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) पर उपलब्ध है।
एक अधिकारी ने कहा कि पहले वीजा प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली थी लेकिन नई व्यवस्था से विदेशी पेशेवरों को कम समय में ई-वीजा मिल सकेगा।
अब तक भारतीय कंपनियों द्वारा 129 प्रायोजन पत्र जारी किए जा चुके हैं। इन पत्रों के आधार पर विदेशी इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ भारत आकर विनिर्माण इकाइयों में अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
डीपीआईआईटी ने कहा कि यह सुविधा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और गैर-पीएलआई, दोनों तरह की कंपनियों को उपलब्ध होगी।
अगस्त, 2025 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी परिपत्र के तहत मशीनों की स्थापना और कमीशनिंग जैसी गतिविधियों को रोजगार वीजा से हटाकर बिजनेस वीजा के दायरे में लाया गया था।
विभाग ने कहा, ‘भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी विशेषज्ञों एवं तकनीकी जानकारों को बुलाने के लिए बिजनेस वीजा में एक नई उप-श्रेणी बी-4 (उत्पादन निवेश) बनाई गई है, जो अब पूरी तरह ई-वीजा के रूप में जारी होगी।’
सरकार का कहना है कि इस सुधार से कारोबार सुगमता बढ़ेगी और विनिर्माण क्षेत्र को विदेशी विशेषज्ञता समय पर उपलब्ध हो सकेगी।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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