बीएफएसआई, खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र भारत में सेल्सफोर्स की वृद्धि को गति देंगे: अरुंधति भट्टाचार्य

बीएफएसआई, खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र भारत में सेल्सफोर्स की वृद्धि को गति देंगे: अरुंधति भट्टाचार्य

बीएफएसआई, खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र भारत में सेल्सफोर्स की वृद्धि को गति देंगे: अरुंधति भट्टाचार्य
Modified Date: October 19, 2025 / 02:35 pm IST
Published Date: October 19, 2025 2:35 pm IST

(कुमार दीपांकर)

सैन फ्रांसिस्को, 19 अक्टूबर (भाषा) अमेरिकी आईटी कंपनी सेल्सफोर्स की एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अगले तीन वर्षों में भारत में बीएफएसआई, खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र कंपनी की वृद्धि को गति देंगे।

सेल्सफोर्स दक्षिण एशिया की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुंधति भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘तीन साल का एजेंडा कमोबेश एक जैसा ही है। हम अब भी बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा) क्षेत्र और खुदरा क्षेत्र से काफी वृद्धि देख रहे हैं। हमें विनिर्माण, यात्रा, पर्यटन, होटल और स्वास्थ्य सेवा में काफी वृद्धि की उम्मीद है। इनमें से कई क्षेत्र काफी स्थिर और अच्छी वृद्धि दिखा रहे हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘रियल एस्टेट और शिक्षा जैसे छोटे क्षेत्र भी अच्छी वृद्धि दिखा रहे हैं। इसलिए भारत में मैं कहूंगी कि जिन क्षेत्रों में हम काम कर रहे हैं, वहां वृद्धि काफी स्थिर बनी हुई है और हम वहां लगातार गति देख रहे हैं।’’

वैश्विक ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) प्रौद्योगिकी समाधान क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सेल्सफोर्स को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 में वैश्विक स्तर पर उसका राजस्व 41 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर जाएगा।

सेल्सफोर्स ने 2005 में हैदराबाद में अपने पहले उत्कृष्टता केंद्र के साथ भारत में परिचालन शुरू किया था। अब कंपनी भारत में छह स्थानों पर फैली हुई है, जिसका वार्षिक राजस्व एक अरब अमेरिकी डॉलर है। भारत में इसके कर्मचारियों की संख्या 13,000 से ज्यादा है। अमेरिका के बाद भारत कंपनी के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।

भट्टाचार्य भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन रह चुकी हैं और उन्होंने 2020 में सेल्सफोर्स भारत की चेयरपर्सन और सीईओ के रूप में एक नए करियर की शुरुआत की।

उनके नेतृत्व में सेल्सफोर्स भारत के संचालन में राजस्व और कर्मचारियों की संख्या, दोनों मामले में कई गुना वृद्धि हुई है।

भारतीय बैंकों के एआई को अपनाने के बारे में भट्टाचार्य ने कहा कि हर कंपनी पहले डिजिटलीकरण की बात करती थी, लेकिन अब कृत्रिम मेधा (एआई) को अपनाने की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ बैंकों के साथ प्रायोगिक चरण के काम चल रहे हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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