Ford Workers Settlement Agreement :फोर्ड कंपनी से आप सभी परिचित होंगे जो पिछले साल भारत से अपना सारा व्यापार वापस लेना का ऐलान किया है। लेकिन मामला चेन्नई के मैनुफैक्चुरिंग युनिट में अटका हुआ है। कर्मचारियों ने कंपनी बंद करने से पहले मुआबजे की बात रखी थी। जिसको लेकर बीते दिन शनिवार को बात की गई जिसके बाद कंपनी ने कर्मचारियों को निकालने से पहले 62महीने की सैलरी देनी होगी। नए समझौते के अनुसार कंपनी का अंतिम दिन 30 है। जिसका सीधा मतलब हुआ कि कर्मचारियों के नौकरी का आखिरी दिन भी 30 सितंबर ही होगा।
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एक साल पहले व्यापार समेटने का किया था ऐलान
फोर्ड इंडिया ने 1 साल पहले ही अपनी पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत भारतीय बाजार से अपना कारोबार समेटने का ऐलान किया था। कंपनी का कहना हैं कि उसके कायाकल्प अधिकारी बालसुंदरम राधाकृष्णन ने 2,592 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन चेन्नई फोर्ड कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों को नया मुआवजा समझौता सौंप दिया है। राधाकृष्णन का कहना हैं कि, फोर्ड प्रबंधन और कर्मचारी संगठन के बीच मुआवजा समाधान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एक मील का पत्थर है और इसमें सभी पक्षों की जीत हुई है।
62 महीने की मिलेगी एडवांस सैलेरी
इस समझौते के तहत कंपनी 14 अक्टूबर को नौकरी से अलग होने वाले कर्मचारियों को पूर्व-निर्धारित राशि के अलावा 1 महीने का सकल वेतन भी देगी। इस तरह फोर्ड कारखाने के हरेक कर्मचारी को अब कंपनी से निकलने पर औसतन करीब 62 महीने का वेतन मिलेगा। कंपनी में नौकरी का अंतिम दिन 30 सितंबर माना जाएगा।आपको बता दे कि फोर्ड इंडिया का चेन्नई से 45 किलोमीटर दूर मरइमलाई में कारखाना स्थित हैं। इस मरइमलाई कारखाने से आखिरी फोर्ड कार का उत्पादन जुलाई में हुआ था। फोर्ड ने सितंबर 2021 में गुजरात के सानंद और तमिलनाडु के मरइमलाई संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने की घोषणा की थी।
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