बीपी की भारत के ईंधन बाजार पर नजर, गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग

बीपी की भारत के ईंधन बाजार पर नजर, गैस को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग

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  • Publish Date - October 26, 2020 / 01:55 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) ऊर्जा क्षेत्र की वैश्विक कंपनी बीपी पीएलसी ने भारत को अविश्वसनीय स्तर पर वृद्धि कर रहा असाधारण देश बताया है। कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह भारत में ईंधन के खुदरा कारोबार तथा आवागमन के साधनों में अपनी उपस्थिति बढ़ाना चाहती है। हालांकि कंपनी ने प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने की भी मांग की।

बीपी समूह के मुख्य कार्यकारी बर्नार्ड लूनी ने सेरावीक के भारतीय ऊर्जा मंच (आईईएफ) में कहा कि उनकी कंपनी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत अगले 4-5 वर्षों में 5,500 खुदरा आउटलेट की शुरुआत की जायेगी, जो न केवल पेट्रोल और डीजल बेचेंगे बल्कि आवागमन के अन्य समाधान जैसे इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध कराएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक असाधारण इतिहास, लोगों के असाधारण समूह और असाधारण महत्वाकांक्षा के साथ एक असाधारण देश है। देश के पास बढ़ती आबादी है और उत्सर्जन में कटौती करने का एक महत्वाकांक्षी एजेंडा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत, बहुत सम्मोहक है। भारत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत है।’’

लूनी ने कहा कि भारत अगले 20 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला ईंधन और लुब्रिकेंट्स का बाजार होगा। रिलायंस के साथ बीपी समूह का उद्यम देश में पेट्रोल पंपों के नेटवर्क को मौजूदा 1,400 से बढ़ाकर अगले 4-5 वर्षों में 5,500 तक करेगा।

उन्होंने कहा कि नेटवर्क के निर्माण में 80,000 रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि जियो-बीपी संयुक्त ब्रांड के तहत आवागमन के समाधानों की पेशकश की जाएगी।

अभी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पास 1,400 पेट्रोल पंप और हवाई अड्डों पर लगभग 31 विमानन ईंधन स्टेशन हैं। इन्हें आरआईएल-बीपी संयुक्त उद्यम द्वारा नियंत्रण में लिया गया है और भविष्य में इन्हें बढ़ाया जाएगा। पेट्रोल पंपों के नेटवर्क का विस्तार 5,500 तक किया जाएगा, विमान ईंधन यानी एटीएफ स्टेशनों की संख्या बढ़कर 45 हो जाएगी। नयी संयुक्त उद्यम कंपनी में आरआईएल की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बीपी के पास शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बीपी ने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए लगभग 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यह 2011 से रिलायंस और बीपी के बीच तीसरा संयुक्त उद्यम है।

भाषा सुमन अजय

अजय