बीएसईएस ने दिल्ली में लगाई दक्षिण एशिया की ‘सबसे बड़ी’ बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली

बीएसईएस ने दिल्ली में लगाई दक्षिण एशिया की ‘सबसे बड़ी’ बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली

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  • Publish Date - May 29, 2025 / 10:08 PM IST,
    Updated On - May 29, 2025 / 10:08 PM IST

नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस राजधानी पावर लि. ने दक्षिण दिल्ली के किलोकरी में 20 मेगावाट क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली लगायी है। दक्षिण एशिया की इस ‘सबसे बड़ी’ ऊर्जा भंडारण प्रणाली’ से बिजली कटौती के दौरान क्षेत्र के लोगों को चार घंटे बिजली की आपूर्ति हो सकेगी।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने बृहस्पतिवार को ऊर्जा भंडारण प्रणाली का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘राजधानी में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देना हमारी सरकार का मुख्य लक्ष्य है। बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस) परियोजना नवीकरणीय ऊर्जा को ग्रिड के साथ सहजता से एकीकृत करने, ग्रिड स्थिरीकरण को सक्षम करने और बिजली की अधिकतम मांग का प्रबंधन करने में मदद करेगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में 24 घंटे निर्बाध और सस्ती बिजली आपूर्ति प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।’’

सूद ने कहा कि सरकार दिल्ली में इस नई तकनीक का उपयोग करना चाहती है, जिसके लिए आवश्यक निवेश की व्यवस्था की जाएगी। इस तकनीक को बड़े पैमाने पर लागू करने के प्रयास किये जाएंगे, खासकर अनधिकृत कॉलोनियों जैसे क्षेत्रों में जहां भूमि की उपलब्धता कम है।

बीएसईएस के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली भारत की पहली वाणिज्यिक रूप से स्वीकृत’ ग्रिड-स्तरीय ऊर्जा भंडारण प्रणाली है। यह एक लाख से अधिक की आबादी को कवर करते हुए दक्षिण दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगी।

किलोकरी में बीआरपीएल सबस्टेशन पर स्थापित 20-मेगावाट (40 मेगावाट घंटा) बीईएसएस दक्षिण एशिया में ‘सबसे बड़ी’ ऊर्जा भंडारण प्रणाली है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऊर्जा भंडारण प्रणाली को प्रतिदिन चार घंटे तक विश्वसनीय बिजली देने के लिए डिजाइन किया गया है…। इससे दक्षिण दिल्ली के घनी आबादी वाले किलोकरी क्षेत्र में एक लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा।’’

परियोजना को एक वर्ष की अवधि में पूरा किया गया है। इसमें अत्याधुनिक लिथियम आयरन फॉस्फेट तकनीक का उपयोग किया गया है, जो बेहतर सुरक्षा, तापीय स्थिरता और स्थायित्व के लिए जानी जाती है।

परियोजना का क्रियान्वयन इंडीग्रिड और ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (जीईएपीपी) और एम्पीयरआवर के साथ साझेदारी में किया गया है।

भाषा रमण अजय

अजय