ई-कॉमर्स नियमों में किसी भी तरह की ढील का विरोध करेगा कैट

ई-कॉमर्स नियमों में किसी भी तरह की ढील का विरोध करेगा कैट

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  • Publish Date - August 2, 2021 / 07:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, दो अगस्त (भाषा) व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा है कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत प्रस्तावित ई-कॉमर्स नियमों के कार्यान्वयन को पटरी से उतारने के किसी भी कदम का देश के व्यापारिक समुदाय द्वारा कड़ा विरोध किया जाएगा।

कैट ने इस बारे में मंगलवार को उपभोक्ता मामलों की सचिव लीला नंदन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि भारतीय ई-कॉमर्स व्यवसाय को बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के चंगुल से मुक्त करने के लिए व्यापारियों को उत्सुकता से नियमों के कार्यान्वयन का इंतजार है, जो कि भारत में तटस्थ ई-कॉमर्स परिदृश्य भी प्रदान करेगा।

कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पूर्व में जब भी सरकार द्वारा इन ई-कॉमर्स व्यवसायों को विनियमित करने का कोई प्रयास किया गया है, तो कुछ निहित रुचि रखने वाले ई-टेलर्स इसका विरोध करते हैं।

खंडेलवाल ने कहा कि यह सुनिश्चित करते हुए कि इस बार ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जाएगा, ई-कॉमर्स नियमों को बिना किसी और देरी के तुरंत लागू किया जाना चाहिए।

कैट ने कहा कि देश में एक लाख से अधिक दुकानों को बड़े ई-टेलर्स के कदाचार के कारण बंद कर दिया गया है जिसके परिणामस्वरूप अधिक बेरोजगारी पैदा हुई है।

पत्र में कहा गया है कि ई-कॉमर्स नियमों को कमजोर करने से देशभर में यह संदेश जाएगा कि सरकार और नौकरशाही दोनों ही भारत के छोटे व्यवसायों की कीमत पर बड़ी कंपनियों के दबाव के आगे झुक गए हैं और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच की दृष्टि से एक प्रतिकूल कदम होगा।

फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी बड़ी ई-कामर्स कंपनियां प्रस्तावित उपभोक्ता संरक्षण (ई-वाणिज्य) नियमावली के प्रावधानों का यह कहते हुए विरोध कर रहे है कि इससे इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रभावित होगा। उनका यह भी कहना है कि भारत में उन्हें भारत में अपनी इन्वेंट्री (स्टॉक) के आधार पर काम करने की इजाजत नहीं है ऐसे में उन पर ग्राहक की शिकायत के परिमार्जन का बड़ा दायित्व नहीं डाला जा सकता।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर