निजता की चिंता की वजह से व्हॉट्सएप की जांच कर रहा है सीसीआई : उच्च न्यायालय

निजता की चिंता की वजह से व्हॉट्सएप की जांच कर रहा है सीसीआई : उच्च न्यायालय

निजता की चिंता की वजह से व्हॉट्सएप की जांच कर रहा है सीसीआई : उच्च न्यायालय
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: April 13, 2021 3:38 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा व्हॉट्सएप की नयी निजता नीति की जांच संभवत: उपभोक्ताओं की निजता को लेकर चिंता से संबंधित अधिक है। अदालत ने कहा कि यह बाजार में दबदबे की स्थिति के दुरुपयोग की जांच नहीं लगती।

सीसीआई ने अदालत में कहा कि वह व्यक्तिगत लोगों के निजता के उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा है। यह मामला उच्चतम न्यायालय में है। इसपर न्यायमूर्ति नवीन चावला ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि नियामक उपभोक्ताओं के निजता के मुद्दे को लेकर चिंतित है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘आपके आदेश में बाजार में कथित दबदबे की स्थिति की जांच की झलक नहीं दिखती।’’

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दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले में मंगलवार को प्रतिस्पर्धा आयोग के वकील अमन लेखी ने कहा कि व्हॉट्सएप की नयी निजता-नीति से इस नेटवर्क-मंच का उपयोग करने वालों के डाटा (नजी जानकारियों) का अत्यधिक संग्रहण होगा और यह अधिक से अधिक प्रयोगकर्ताओं को जोड़ने के उद्देश्य से लक्षित विज्ञापन करने के लिए उपभोक्ताओं का ‘पीछा’ करने जैसा होगा। यह एक तरह से बाजार में अपने दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करना है।

सीसीआई ने संदेश भेजने के मंच व्हॉट्सएप की नयी निजता नीति की जांच आदेश दिया है। अपनी जांच को उचित ठहराते हुए सीसीआई ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा।

लेखी ने कहा कि सीसीआई इस मामले में प्रतिस्पर्धा के पहलुओं पर गौर कर रहा है। प्रतिस्पर्धा नियामक व्यक्तिगत निजता के उल्लंघन के मामले को नहीं देख रहा है। निजता के अधिकार से जुड़ा मामला उच्चतम न्यायालय में है।

सीसीआई के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में अधिकार क्षेत्र की गलती का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि व्हॉट्सएप और फेसबुक ने सीसीआई के फैसले को चुनौती देने वाली जो याचिकाएं दी हैं वे ‘अनुचित और मिथ्या अवधारणा’ पर आधारित हैं।’

इस मामले में व्हॉट्सएप और फेसबुक की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी कर रहे हैं। इन कंपनियों ने सीसीआई के 24 मार्च के नयी निजता नीति की जांच के आदेश को चुनौती दी है।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा है। लेखी ने अदालत को बताया कि व्हॉट्सएप द्वारा डाटा का संग्रहण और उसके फेसबुक से साझा करना प्रतिस्पर्धा रोधी है या नहीं, यह सिर्फ जांच के बाद ही तय हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि व्हॉट्सएप की नयी निजता नीति खबरें आने के बाद जनवरी में सीसीआई ने खुद ही इस मामले पर गौर करने का फैसला किया था।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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