चीन में दुर्लभ खनिज पर पाबंदी से भारत में पांच क्षेत्रों में उत्पादन, निर्यात पर पड़ेगा असर: रिपोर्ट

चीन में दुर्लभ खनिज पर पाबंदी से भारत में पांच क्षेत्रों में उत्पादन, निर्यात पर पड़ेगा असर: रिपोर्ट

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  • Publish Date - July 28, 2025 / 10:28 PM IST,
    Updated On - July 28, 2025 / 10:28 PM IST

मुंबई, 28 जुलाई (भाषा) एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने सोमवार को कहा कि चीन के दुर्लभ खनिजों के व्यापार पर पाबंदी लगाने से भारत के पांच क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन और निर्यात प्रभावित होगा।

एसबीआई अर्थशास्त्रियों की एक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024-25 में दुर्लभ मृदा खनिजों और यौगिकों का कुल आयात 3.19 करोड़ डॉलर और चुम्बक का आयात 2.91 करोड़ डॉलर रहने का अनुमान लगाया गया है।

इसमें कहा गया है कि भारत में दुर्लभ खनिजों और यौगिकों की खपत में वृद्धि हुई है। और वित्त वर्ष 2024-25 में दुर्लभ खनिजों (चुम्बक) के आयात में तेज वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘दुर्लभ खनिजों और यौगिकों के व्यापार में चीन का दबदबा है।’’ इसमें भारत द्वारा अपनाई जाने वाली प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध किया गया है।

इसमें कहा गया, ‘‘चीन के प्रतिबंध से प्रभावित होने वाले प्रमुख क्षेत्रों में परिवहन उपकरण, मूल धातुएं, मशीनरी, निर्माण और विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं। इन क्षेत्रों में घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों प्रभावित होंगे।’’

एसबीआई अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों सहित भारतीय वित्तीय संस्थानों पर भी इसका कुछ प्रभाव पड़ने का खतरा है।

इसमें कहा गया है कि बैंकों सहित भारतीय वित्तीय संस्थानों पर भी इसका कुछ असर पड़ने का जोखिम है।

एसबीआई की रिपोर्ट में राज्यों को ऐसे संसाधनों की बेहतर खोज सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है, जिससे आयात पर निर्भरता कम हो सकती है।

इसमें ओडिशा सरकार की 8,000 करोड़ रुपये की एक योजना का भी उदाहरण दिया गया है और गंजम जिले में खनिजों की खोज के प्रयासों का जिक्र किया गया है।

भाषा रमण अजय

अजय

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