सीआईआई का अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए ‘तत्काल सुधार’ का आह्वान

सीआईआई का अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए ‘तत्काल सुधार’ का आह्वान

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  • Publish Date - April 27, 2025 / 03:05 PM IST,
    Updated On - April 27, 2025 / 03:05 PM IST

नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को अदालतों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए ‘तत्काल सुधार’ का आह्वान किया।

सीआईआई ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड समाधान दर के आधार पर राज्यों की वास्तविक समय की स्वचालित रैंकिंग की व्यवस्था कर सकता है।

सीआईआई ने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में पांच करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं और कई न्यायक्षेत्रों में मामलों के निपटान की दर नए मामलों की तुलना में कम है, इसलिए लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तत्काल सुधार की जरूरत है।

इसने राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) को डेटा-संचालित नीति हस्तक्षेपों को सक्षम करके लंबित मामलों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।

उद्योग निकाय ने कहा कि राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, एनजेडीजी ग्रिड पर एकत्र किए गए डेटा के आधार पर राज्यों को वास्तविक समय में रैंकिंग दी जा सकती है।

एनजेडीजी को भारत की न्यायिक प्रणाली में लंबित मामलों को ट्रैक करने, प्रबंधित करने और कम करने के लिए ई-कोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत 2015 में पेश किया गया था।

सीआईआई ने कहा कि एनजेडीजी वास्तविक समय में डेटा-संचालित नीति हस्तक्षेप को सक्षम करके, विवाद समाधान में तेजी ला सकता है, न्यायिक दक्षता को मजबूत कर सकता है और अधिक निवेश-अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा दे सकता है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय