दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए कोडविटा का नाम गिनीज बुक में दर्ज | Codevita's name entered in Guinness Book for world's largest programming competition

दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए कोडविटा का नाम गिनीज बुक में दर्ज

दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए कोडविटा का नाम गिनीज बुक में दर्ज

दुनिया की सबसे बड़ी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए कोडविटा का नाम गिनीज बुक में दर्ज
Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: May 24, 2021 12:48 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने सोमवार को कहा कि उसकी ‘कोडविटा’ प्रतियोगिता के नौवें सीजन ने दुनिया की सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया है। प्रतियोगिता में 34 देशों के 1,36,054 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।

टीसीएस कोडविटा 2021 प्रतियोगिता में दुनिया भर के कॉलेज छात्रों ने कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से संबंधित अपने कौशल दिखाए। प्रतियोगिता में दुनिया भर के शीर्ष छात्र प्रोग्रामर हिस्सा लेते हैं और उनमें से विजेता चुना जाता है।

प्रतिभागी छह घंटे में असली दुनिया की समस्याओं को सुलझाने के लिए अपने ज्ञान और कोडिंग ते जुड़े कौशल का प्रदर्शन करते हैं।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लिमिटेड के वाइस प्रेजीडेंट नील फोस्टर ने कहा, ‘हमें सबसे बड़ी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता के लिए टीसीएस को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स का खिताब देने में खुशी महसूस हो रही है और हम 1,36,054 छात्रों में शामिल हर एक छात्र को रिकॉर्ड तोड़ने में हिस्सा लेने के लिए बधाई देना चाहेंगे।’

एक बयान के अनुसार इस साल न्यू जर्सी के स्टीवन्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बेन एलेक्जेंडर ने प्रतियोगिता जीती और वह ऐसा करने वाले पहले अमेरिकी हैं। उन्हें पुरस्कार में 10,000 डॉलर की नकद राशि दी गयी।

टीसीएस के मुख्य तकनीकी अधिकारी अनंत कृष्णन ने कहा, ‘हैकाथन जैसे शब्दों के प्रचलित होने से काफी पहले टीसीएस ने एक खेल के तौर पर प्रोग्रामिंग की क्षमता को पहचाना और उससे प्रेरित होकर टीसीएस कोडविटा प्रतियोगिता का जन्म हुआ। एक ऐसी दुनिया जहां प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और रचनात्मकता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, यह प्रतियोगिता विविध शैक्षणिक, सामाजिक, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले असाधारण युवाओं में प्रोग्रामिंग को लेकर एक जुनून भरने का काम कर रही है।’

भाषा

प्रणव मनोहर

मनोहर

लेखक के बारे में