जीएसटी परिषद बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति मामले पर नहीं बन पायी आम सहमति

जीएसटी परिषद बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति मामले पर नहीं बन पायी आम सहमति

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  • Publish Date - October 5, 2020 / 03:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) जीएसटी परिषद की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्यों को क्षतिपूर्ति दिये जाने के मामले में कोई आम सहमति नहीं बन पायी। परिषद क्षतिपूर्ति के लिये कर्ज लेने के उपाय पर राजनीतिक विचारों के आधार पर बटी दिखी।

समिति की काफी देर तक चली बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र के सुझाये दो विकल्पों में से एक का चयन किया है।

उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ राज्यों ने दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं किया। इसको देखते हुए परिषद की इस बारे में आगे और विचार-विमर्श को लेकर 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी।

उल्लेखनीय है कि केंद्र ने राज्यों को जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई के लिए बाजार से या फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का विकल्प दिया है।

केंद्र के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है। केंद्र के आकलन के अनुसार करीब 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन के कारण है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की वजह कोविड-19 है। इस महामारी के कारण राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

केंद्र ने इस कमी को पूरा करने राज्यों को दो विकल्प दिये हैं। इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से लेने का विकल्प दिया गया है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर से प्राप्त 20,000 करोड़ रुपये का वितरण राज्यों के बीच किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने जून 2022 के बाद भी जीएसटी उपकर जारी रखने का निर्णय किया है। पहले जीएसटी उपकर लगाये जाने की समयसीमा जून 2022 थी।

वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि जीएसटी परिषद ने छोटे करदाताओं पर बोझ को आसान बनाने समेत इसरो और एंट्रिक्स की उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का निर्णय किया है।

भाषा

रमण मनोहर

मनोहर