नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई ने रविवार को कहा कि लागत बढ़ने, वैश्विक जिंस की आसमान छूती कीमतों, कंटेनरों की कमी और अर्धचालक जैसे कुछ कच्चे माल की कमी आगामी महीनों में मांग और उत्पादन संभावनाओं पर असर डालेंगी।
पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष प्रदीप मुल्तानी ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान बुनियादी कच्चे माल की कीमतों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है और इससे छोटे व्यवसायों को चलाने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इससे उत्पादन की लागत बढ़ रही है और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुकाबला करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा कि इस समय देश में खपत और निजी निवेश को समर्थन देने के लिए जिंसों की उच्च कीमत और कच्चे माल की कमी को दूर करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, सितंबर में आर्थिक गतिविधि अप्रभावित रही, लेकिन उत्पादन की लागत बढ़ने, अंतरराष्ट्रीय जिंस कीमतों के आसमान पर पहुंचने, कंटेनरों की कमी और अर्धचालक जैसे कुछ कच्चे माल की अनुपलब्धता आने वाले महीनों में मांग और उत्पादन की संभावनाओं पर असर डालेगी।”
उन्होंने कहा कि कुल मांग को बढ़ाने के लिए घरेलू खपत के वाहकों को और मजबूत करने की जरूरत है, क्योंकि इसका पूंजी निवेश के विस्तार पर असर होगा।
उन्होंने कहा कि लोगों का टीकाकरण तेज गति से जारी रहना चाहिए।
भाषा कृष्ण पाण्डेय
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