राज्यों की बॉन्ड के जरिये जुटायी गयी राशि की लागत बढ़कर 7.71 प्रतिशत पर
राज्यों की बॉन्ड के जरिये जुटायी गयी राशि की लागत बढ़कर 7.71 प्रतिशत पर
मुंबई, दो जनवरी (भाषा) राज्यों के बॉन्ड की 2023-24 की अंतिम तिमाही में पहले सप्ताह की नीलामी में मंगलवार को ब्याज उल्लेखनीय रूप से बढ़कर 7.71 प्रतिशत पर पहुंच गया। इसके साथ 10 साल की अवधि वाले राज्य बॉन्ड तथा केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों के बीच अंतर दो साल के उच्चतम स्तर 0.50 प्रतिशत को पार कर गया है।
सरकारी प्रतिभूतियों और राज्य बॉन्ड के प्रतिफल के बीच 0.53 प्रतिशत अंतर जनवरी, 2022 के बाद सर्वाधिक है।
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में बॉन्ड की आपूर्ति अधिक रहने वाली है। इसके साथ 7.71 प्रतिशत ब्याज दर और अंतर (राज्य बॉन्ड तथा सरकारी प्रतिभूतियों के बीच) रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
चौथी तिमाही में पहली नीलामी के दौरान छह राज्यों ने राज्य सरकार की प्रतिभूतियों के जरिये सामूहिक रूप से 16,000 करोड़ रुपये जुटाये। यह सालाना आधार पर 19 प्रतिशत अधिक है। यह राशि चौथी तिमाही के कैलेंडर के तहत तय रकम के अनुरूप है।
नायर ने कहा कि अंतिम तिमाही में अबतक के सर्वाधिक 4.1 लाख करोड़ रुपये की उधारी के संकेत के साथ भारांश औसत ‘कट ऑफ’ दर 0.08 प्रतिशत बढ़कर 7.71 प्रतिशत हो गया, जो पिछले सप्ताह 7.63 प्रतिशत था। भारांश औसत अवधि 15 साल से घटकर 11 साल होने के बावजूद ब्याज दर बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ 10 साल के राज्य बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों (7.18 प्रतिशत) के बीच अंतर 0.05 प्रतिशत बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गया। यह जनवरी, 2022 के बाद सर्वाधिक है। ब्याज के साथ अंतर बढ़ने का मुख्य कारण निवेशकों की इस तिमाही में अधिक आपूर्ति को लेकर चिंता है।
भाषा
रमण अजय
अजय

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