न्यायालय ने ‘ट्विन टावर्स’ को गिराने के लिए समय बढ़ाने पर सुपरटेक की नयी याचिका खारिज की

न्यायालय ने ‘ट्विन टावर्स’ को गिराने के लिए समय बढ़ाने पर सुपरटेक की नयी याचिका खारिज की

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  • Publish Date - October 29, 2021 / 10:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की एक नई याचिका को खारिज कर दिया। इसमें कंपनी ने नोएडा में अपने एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट में घर खरीदारों को मुआवजे देने और ट्विन टावरों को ध्वस्त करने के लिए समय बढ़ाने का आग्रह किया था।

न्यायालय ने कहा कि उसके फैसले के मद्देनजर इस आवेदन पर विचार नहीं किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्न की पीठ ने कहा कि फैसला सुनाए जाने के बाद वह विविध आवेदनों पर विचार नहीं कर सकती और न ही किसी तरह का विस्तार दे सकती है।

पीठ ने कहा, ‘‘आपको उन्हें भुगतान करना होगा। मामले में फैसला आने के बाद हम विविध आवेदनों पर विचार नहीं कर सकते हैं।’’

सुपरटेक लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने कहा कि वह भी याचिका के प्रारूप से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने दिवाली की छुट्टी के बाद मामले की सुनवाई का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि उन्हें टावरों को गिराने और घर खरीदारों को मुआवजा देने के न्यायालय के निर्देशों को लागू करने के लिए कुछ समय चाहिए।

पीठ ने कहा कि कंपनी को आदेश में उल्लिखित राशि का भुगतान करना होगा।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने एक सितंबर को नोएडा के सेक्टर 93 में सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट हाउसिंग परियोजना के तहत नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत में ट्विन टावर को तीन महीने के अंदर जमींदोज करने का आदेश देते हुए कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों की सांठगांठ से किए गए इस इमारत के निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि नियम कायदों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।

न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि ये टावर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे। अदालत ने आदेश में साफ कहा है कि सुपरटेक अपने ही पैसों से इनको तीन महीने के अंदर-अंदर तोड़े। साथ ही खरीददारों की रकम ब्याज समेत लौटाए। गौरतलब है कि 40-40 मंजिला सुपरटेक के प्रत्येक टावर में एक हजार फ्लैट हैं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण