फसल बीमा: कृषि मंत्रालय ने 100 जिलों में ड्रोन से फसल की तस्वीर लेने के लिए डीजीसीए से मांगी अनुमति

फसल बीमा: कृषि मंत्रालय ने 100 जिलों में ड्रोन से फसल की तस्वीर लेने के लिए डीजीसीए से मांगी अनुमति

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  • Publish Date - November 17, 2020 / 11:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:26 PM IST

नयी दिल्ली, 17 नवंबर (भाषा) कृषि मंत्रालय ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) के तहत 100 जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर फसल उपज का आकलन करने के लिए ड्रोन से धान खेतों की तस्वीर लेने की अनुमति मांगी है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह मंजूरी चयनित एजेंसियों के ड्रोन उड़ाने के लिए मांगी गयी है।

यह दूसरा वर्ष है जब मंत्रालय ने पीएमएफबीवाई के तहत ग्राम पंचायत स्तर का फसल ऊपज का आकलन करने के लिए 100 जिलों के कृषि क्षेत्रों में मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) आधारित सुदूर संवेदी आंकड़ा संग्रह के एक प्रायोगिक अध्ययन के लिए निजी एजेंसियों को काम पर रखा है।

अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘चूंकि चयनित 100 चावल उगाने वाले जिलों में कटाई का काम जोरों पर है और फसल के मौसम के अनुसार जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा, हमने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से अनुरोध किया है कि वे चयनित क्षेत्रों के लिए ड्रोन उड़ाने की मंजूरी दें।’’

उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीसीए को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें एएमएनईएक्स, एग्रोटेक, आरएमएसआई प्राइवेट लिमिटेड और वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी एजेंसियों को दो महीने के लिए यानी 31 दिसंबर तक ड्रोन संचालित करने की अनुमति मांगी गई है।

अधिकारी ने उल्लेख किया कि ड्रोन आधारित तस्वीरें फसल की उपज के आकलन और सत्यापन के महत्वपूर्ण आदानों में से एक हैं। चुनी गई एजेंसियों ने समय-सारणी के अनुसार अपने निर्धारित क्षेत्रों में अध्ययन शुरू कर दिया है।

ड्रोन आधारित तस्वीर 10 राज्यों – आंध्र प्रदेश, बिहार, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में ड्रोन के माध्यम से लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि चूंकि, ड्रोन के माध्यम से कैप्चर किए गए रिमोट सेंसिंग डेटा से किसानों को फसल की स्थिति और नुकसान के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, और इसलिए फसल बीमा दावों को प्रस्तुत करने में कम समय लगेगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रायोगिक अध्ययन की सफलता के बाद, इसे आगे बढ़ाया जाएगा।’’

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खरीफ सत्र 2020 में लगभग 241.7 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा किया गया है।

भाषा राजेश राजेश शरद

शरद