नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) घरेलू कोयले पर आधारित बिजलीघरों में उत्पादन चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 7.14 प्रतिशत बढ़कर 872 अरब यूनिट रहा।
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि घरेलू कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन का बढ़ना देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कोयले की पर्याप्त आपूर्ति को दर्शाता है।
एक साल पहले की समान अवधि में घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन 813.9 अरब यूनिट रहा था।
ताप-विद्युत बिजली इकाइयों को चलाने के लिए मुख्य ईंधन के तौर पर कोयले का इस्तेमाल होता है। कुल बिजली उत्पादन में ताप-विद्युत की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से भी अधिक है।
मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल-दिसंबर अवधि में कोयला आधारित बिजली उत्पादन एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 10.13 प्रतिशत बढ़ गया। अप्रैल-दिसंबर, 2022 में बिजली उत्पादन 6.71 प्रतिशत बढ़ा था।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में बिजली उत्पादक इकाइयों में मिश्रण के लिए कोयले का आयात 40.66 प्रतिशत घटकर 1.70 करोड़ टन रह गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2.87 करोड़ टन कोयले का आयात किया गया था।
कोयला आधारित बिजली उत्पादन ने भारत की ऊर्जा मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है। औद्योगिक वृद्धि, तकनीकी प्रगति, जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास जैसे कारकों से बिजली की मांग बढ़ी है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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