यूरोप ने कोरोना वायरस प्रभावित अर्थव्यवथा को उबारने को मदद तेज की

यूरोप ने कोरोना वायरस प्रभावित अर्थव्यवथा को उबारने को मदद तेज की

यूरोप ने कोरोना वायरस प्रभावित अर्थव्यवथा को उबारने को मदद तेज की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 pm IST
Published Date: March 11, 2021 5:21 pm IST

फ्रेंकफर्ट, 11 मार्च (एपी) यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने कहा कि वह अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये बॉंड खरीद के जरिये प्रोत्साहन कार्यक्रम को बढ़ायेगा। सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिये कम राहत खर्च किये जाने और टीका लगाने की धीमी चाल से अर्थव्यवस्था में सुधार की गति अमेरिका के मुकाबले एक साल पीछे रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।

केन्द्रीय बैंक यूरोप के 19 देशों के लिये काम करता है जिनमें यूरो को मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। बैंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगली तिमाही में बॉंड की यह खरीद वर्ष के पहले महीने के मुकाबले कुछ तेज गति से की जायेगी। केन्द्रीय बैंक की यह पहल कर्ज लागत में समय से पहले होने वाली वृद्धि को रोकना है क्योंकि अभी यहां लॉकडाउन जैसे कोरोना वायरस पर काबू पाने के उपाय जारी हैं।

यूरो क्षेत्र में दीर्घकालिक सरकारी बॉंड पर प्राप्ति वर्ष की शुरुआत के बाद से 0.3 प्रतिशत बढ़ गई। यह काफी नहीं है और दरें निचले स्तर पर बनी हुई हैं। हालांकि यह यूरोक्षेत्र के लिये ऊंची दरों के साथ रहने के बारे में कहना जल्दबाजी होगी। ऐसा आमतौर से आर्थिक वृद्धि और मुद्रासफीति के बढ़ने पर होता है।

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यूरोपीय केन्द्रीय बैंक की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाजार उधारी की दरों में होने वाली वृद्धि को यदि बिना जांच परख के छोड़ दिया तो यह अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में वित्तीय स्थितियों में समय से पहले ही सख्ती को दावत दे सकती है।

यूरोप में दीर्घकालिक कर्ज की दरों में हुई वृद्धि को अमेरिका में आई ऐसी वृद्धि के कारण माना जा रहा है। अमेरिका में आर्थिक सुधार की गति तेज रहने का अनुमान लगाया जा रहा है जबकि यूरोक्षेत्र में काफी गहरी मंदी चल रही है। यहां 2020 के अंतिम तीन माह में उत्पादन में 0.6 प्रतिशत की गिरावट रही है और इस साल के पहले तीन माह में भी इसमें गिरावट का अनुमान है।

पिछले साल के दौरान दुनिया में चीन एक मात्र अर्थव्यवसथा रही है जिसमें वृद्धि दर्ज की गई और अमेरिका में ऐसा अनुमान है कि इस साल के मध्य तक यह महामारी पूर्व की स्थिति में पहुंच जायेगी।

एपी

महाबीर रमण

रमण


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