वित्त मंत्रालय ने बंदरगाहों पर निर्यात माल-लदान सुविधाओं में सुधार की वकालत की

वित्त मंत्रालय ने बंदरगाहों पर निर्यात माल-लदान सुविधाओं में सुधार की वकालत की

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  • Publish Date - June 20, 2025 / 08:41 PM IST,
    Updated On - June 20, 2025 / 08:41 PM IST

नयी दिल्ली, 20 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि निर्यात के लिए बंदरगाहों पर आए माल को खराब होने से बचाने के लिए आईटी प्रणाली, जांच सुविधाओं और तापमान नियंत्रण सुविधाओं सहित बुनियादी ढांचे में सुधार करने की जरूरत है।

रिपोर्ट में साथ ही कहा गया कि माल को तेजी से निकालने और सुव्यवस्थित आवाजाही के लिए निपटान के बाद की लॉजिस्टिक प्रक्रियाओं में सुधार की जरूरत भी है।

वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘नेशनल टाइम रिलीज स्टडी’ (एनटीआरएस) का पांचवां संस्करण जारी किया। इस अध्ययन के आधार पर माल जारी होने में लगने वाले समय का मात्रात्मक आकलन किया जाता है।

एनटीआरएस 2025 इस वार्षिक अध्ययन का पांचवां राष्ट्रीय स्तर का संस्करण है, जो एक मानकीकृत पद्धति का उपयोग करके तैयार किया गया है।

इसमें जनवरी 2025 के पहले सप्ताह के दौरान दाखिल किए गए आयात के लिए 62,981 बिल ऑफ एंट्री (बीओई) और निर्यात के लिए 69,533 शिपिंग बिल (एसबी) शामिल हैं।

अध्ययन में 15 प्रमुख सीमा शुल्क संरचनाओं को शामिल किया गया है, जिन्हें चार श्रेणियों – बंदरगाह, अंतरदेशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी), एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) और वायु माल-लदान परिसर (एसीसी) में वर्गीकृत किया गया है।

अध्ययन में कहा गया कि माल जारी करने में लगाने वाला औसत समय (एआरटी) 2023 और 2025 के बीच बंदरगाहों (लगभग छह घंटे), एसीसी (लगभग पांच घंटे) और आईसीपी (लगभग 18 घंटे) में घट गया, जबकि आईसीडी में लगभग 12 घंटे की वृद्धि हुई।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण