अदालत ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों को चुनौती संबंधी याचिका पर सरकार से मांगा जवाबी हलफनामा

अदालत ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों को चुनौती संबंधी याचिका पर सरकार से मांगा जवाबी हलफनामा

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  • Publish Date - December 29, 2025 / 12:09 AM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 12:09 AM IST

लखनऊ, 28 दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 और सहायक वन संरक्षक पदों की प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को तय की है।

यह आदेश गत 19 दिसंबर को न्यायमूर्ति मनीष माथुर की एकल पीठ ने मनीष कुमार और तीन अन्य उम्मीदवारों द्वारा दायर एक याचिका पर दिया था।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वे पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2025 में अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार के तौर पर शामिल हुए थे और प्रारंभिक परीक्षा में उनके अंक सामान्य श्रेणी की ‘कट-ऑफ’ से अधिक थे।

याचिका में तर्क दिया गया कि आरक्षण अधिनियम और संबंधित अन्य नियमों के तहत अगर कोई आरक्षित श्रेणी का उम्मीदवार बिना किसी विशेष छूट का लाभ उठाए सामान्य श्रेणी की कट-ऑफ के बराबर या उससे ज़्यादा अंक प्राप्त करता है, तो उसे सामान्य श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि उन्होंने सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों से ज़्यादा अंक प्राप्त किए थे फिर भी उन्हें नियमों का लाभ नहीं दिया गया और मुख्य परीक्षा से वंचित कर दिया गया।

याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार और प्रदेश लोक सेवा आयोग को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिये तीन सप्ताह का समय दिया।

भाषा सं. सलीम गोला

गोला