सुनील मित्तल समेत चार नये सदस्य विश्व बैंक की पहल ‘निजी क्षेत्र निवेश लैब’ से जुड़े

सुनील मित्तल समेत चार नये सदस्य विश्व बैंक की पहल ‘निजी क्षेत्र निवेश लैब’ से जुड़े

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  • Publish Date - April 24, 2025 / 11:19 AM IST,
    Updated On - April 24, 2025 / 11:19 AM IST

नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) विश्व बैंक ने ‘निजी क्षेत्र निवेश प्रयोगशाला’ पहल के अगले चरण की शुरुआत करते हुए भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील मित्तल समेत चार प्रमुख लोगों को इसमें शामिल किया है।

विश्व बैंक ने एक विज्ञप्ति में कहा कि नये चरण में लैब की सदस्यता का विस्तार किया गया है। इसमें विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में रोजगार सृजन का अनुभव रखने वाले उद्योग जगत के प्रमुखों को शामिल किया गया है। यह विकास के मुख्य चालक के रूप में रोजगार सृजन पर बैंक के जोर के अनुरूप है।

मित्तल के अलावा, लैब के अन्य नये सदस्यों में बायर एजी के सीईओ बिल एंडरसन, डांगोटे ग्रुप के अध्यक्ष और सीईओ अलिको डांगोटे, हयात होटल्स कॉरपोरेशन के अध्यक्ष और सीईओ मार्क होपलामाजियन शामिल हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘जैसे-जैसे लैब अपने कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर रही है, यह बुनियादी ढांचे और ऊर्जा, कृषि व्यवसाय, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और विनिर्माण जैसे रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उद्योग से जुड़े प्रमुख लोगों को शामिल कर अपनी सदस्यता का विस्तार भी कर रही है।’’

ऐसे उद्योगों में निवेश को रोजगार और आर्थिक अवसर में बदलने की क्षमता है।

लैब ने पिछले 18 महीनों में, विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के निवेश में सबसे अधिक दबाव वाली बाधाओं की पहचान करने और कार्रवाई योग्य समाधानों का परीक्षण करने के लिए वैश्विक वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों को एक साथ लाया है।

अब उस कार्य को पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शामिल किया गया है जिन्हें बैंक समूह के संचालन में एकीकृत किया जा रहा है। इसमें विनियामक और नीति के स्तर पर निश्चितता, राजनीतिक जोखिम बीमा, विदेशी मुद्रा जोखिम आदि शामिल हैं।

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष अजय बंगा ने कहा, ‘‘सदस्यता विस्तार के साथ, हम अपने परिचालन में इस काम को मुख्यधारा में ला रहे हैं और इसे सीधे नौकरियों के एजेंडे से जोड़ रहे हैं, जो हमारी रणनीति को आगे बढ़ा रहा है।’’

बंगा ने कहा, ‘‘… यह कदम निजी क्षेत्र को निवेश का रास्ता दिखाने में मदद करने के बारे में है जो रिटर्न देगा और लोगों और अर्थव्यवस्थाओं को समान रूप से ऊपर उठाएगा।’’

भाषा रमण

रमण