रायपुर, 31 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में संशोधन का निर्णय लिया है। इससे नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रचार-प्रसार, विशेषज्ञों की नियुक्ति और सेवा गतिविधि प्रमाणपत्र जारी करने के संबंध में विसंगतियां दूर होंगी।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में महत्वपूर्ण संशोधनों को स्वीकृति प्रदान की गई है। इन संशोधनों के माध्यम से नीति को अन्य राज्यों की तुलना में और अधिक प्रतिस्पर्धात्मक, स्पष्ट एवं निवेश-अनुकूल बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिमंडल के निर्णयों का मुख्य उद्देश्य राज्य के मूल निवासियों के लिए स्थायी एवं गुणवत्तापूर्ण रोजगार का सृजन सुनिश्चित करना है। इसी के तहत ईपीएफ प्रतिपूर्ति तथा रोजगार सृजन अनुदान से संबंधित नए प्रावधान जोड़े गए हैं। अब 50 से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाले विशेष क्षेत्र के उद्यम… जैसे फार्मा, टेक्सटाइल, खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई, आईटी आदि के एमएसएमई इकाइयों को भी छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को दिए जाने वाले वेतन पर अनुदान प्राप्त होगा।
उन्होंने बताया कि सेवा क्षेत्र के दायरे का विस्तार करते हुए, मंत्रिमंडल ने कंप्यूटर-आधारित टेस्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-कॉमर्स और ऐप-आधारित एग्रीगेटर, तथा एनएबीएल मान्यता प्राप्त डायग्नोस्टिक लैब को भी नीति के अंतर्गत शामिल किया है। इन संस्थाओं को अब औद्योगिक विकास नीति के तहत निर्धारित प्रोत्साहन और अनुदान का लाभ मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन एवं स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास को गति देने के उद्देश्य से रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में पांच सितारा होटलों तथा अन्य जिलों में तीन सितारा होटलों की स्थापना के लिए प्रोत्साहनात्मक संशोधन किए गए हैं। इसी प्रकार राज्य में बड़े निजी आधुनिक हॉस्पिटल की स्थापना को भी बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता संवर्धन के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है कि एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 100 में शामिल शिक्षण संस्थानों द्वारा राज्य में परिसर स्थापित किए जाने पर उन्हें नीति के अंतर्गत विशेष अनुदान प्रदान किया जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ में उच्च स्तरीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के युवाओं को विश्व-स्तरीय शिक्षा एवं बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृत ये संशोधन छत्तीसगढ़ को उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में तेजी से उभरता हुआ निवेश गंतव्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन निर्णयों से राज्य में निवेश बढ़ने, व्यापक रोजगार सृजन और औद्योगिक विकास की गति को और अधिक तेज एवं संतुलित बनाने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने रायपुर महानगरीय पुलिस जिला में पुलिस आयुक्त प्रणाली को 23 जनवरी से लागू किए जाने के संबंध में निर्णय लिया है।
भाषा संजीव नोमान रमण
रमण