बर्लिन, 25 मार्च (एपी) जर्मनी और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच कंबस्चन इंजन वाली नई कारों का पंजीकरण वर्ष 2035 के बाद भी जारी रहने को लेकर सहमति बन गई है।
दोनों पक्षों ने शनिवार को इस समझौते की घोषणा करते हुए कहा कि परंपरागत इंजन से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण वर्ष 2035 के बाद जारी रह सकता है बशर्ते कि उनमें सिर्फ कार्बन-तटस्थ ईंधन का ही इस्तेमाल किया जाए। यूरोपीय संघ वर्ष 2035 के बाद परंपरागत कंबस्चन इंजन वाले वाहनों का पंजीकरण जारी रखने के पक्ष में नहीं था लेकिन बड़ी वाहन कंपनियों की मौजूदगी वाले जर्मनी ने इसका मुखर विरोध किया था। इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था।
इस संदर्भ में यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष फ्रैंस टिमरमैंस और जर्मनी के परिवहन मंत्री वॉल्कर विसिंग ने ट्वीट कर समझौता होने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कंबस्चन इंजन से चलने वाले वाहनों में अगर ई-ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है तो उनका पंजीकरण 2035 के बाद भी जारी रहेगा।
कंबस्चन इंजन से चलने वाले वाहनों में पेट्रोल एवं डीजल जैसे परंपरागत ईंधनों का इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन इन जीवाश्म ईंधनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को देखते हुए अब ई-ईंधन के इस्तेमाल की मांग जोर पकड़ने लगी है।
ई-ईंधन से आशय ई-केरोसिन, ई-मीथेन या ई-मेथनॉल जैसे ईंधनों से है जिन्हें नवीकरणीय ऊर्जा या कार्बन डाई ऑक्साइड मुक्त बिजली के इस्तेमाल से बनाया जाता है। इसके पीछे सोच यह है कि इन ईंधनों के इस्तेमाल से वातावरण में फैलने वाले उत्सर्जन के बराबर कार्बन की बचत इनके उत्पादन में कर ली जाए।
टिमरमैंस ने अपने ट्वीट में कहा, ‘हमने कारों में ई-ईंधन के भावी इस्तेमाल को लेकर जर्मनी के साथ एक समझौता कर लिया है। अब हम जल्द-से-जल्द कार नियमन के कार्बन डाई ऑक्साइड मानक लागू करने के लिए काम करेंगे।’
जर्मनी के परिवहन मंत्री विसिंग ने कहा कि दोनों पक्ष एक ठोस प्रक्रियागत कदम पर सहमत हो गए हैं और एक समयबद्ध कार्यक्रम भी तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक इससे जुड़े कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
एपी प्रेम प्रेम पवनेश
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