नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिज़र्व अधिकारियों की सतर्क टिप्पणियों से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप सोने की कीमतों में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई।
विश्लेषकों ने कहा कि डॉलर में लगातार मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ‘प्रतीक्षा और निगरानी’ की नीति के कारण सुरक्षित निवेश माने जाने वाले इस परिसंपत्ति वर्ग की मांग कमजोर पड़ी है। इसके चलते छुट्टियों के कारण छोटे कारोबारी सप्ताह में सर्राफा की कीमतें सीमित दायरे में रहीं।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर आपूर्ति वाले सोने का वायदा मूल्य पिछले सप्ताह 165 रुपये यानी 0.14 प्रतिशत गिरकर शुक्रवार को 1,21,067 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
एलजीटी वेल्थ इंडिया के फिक्स्ड इनकम एसेट्स के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) चिराग दोशी ने कहा, ”सप्ताहभर सोने का कारोबार सीमित दायरे में रहा। हालांकि सप्ताह के मध्य में आई गिरावट के बाद सौदेबाजी आधारित खरीदारी देखने को मिली, लेकिन अक्टूबर में दिखाई देने वाली मजबूत रफ्तार अब धीमी पड़ गई है।”
उन्होंने कहा, ”बाजार फिलहाल ठहराव और मूल्यांकन के दौर में प्रतीत होता है, जहां निवेशक बड़ी पोज़िशन लेने से पहले अमेरिकी डॉलर और ट्रेजरी यील्ड से स्पष्ट संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।”
वेंचुरा के कमोडिटी एवं सीआरएम प्रमुख एन एस रामास्वामी ने कहा, ”सोने की कीमतें अब भी अपेक्षाकृत मजबूत हैं, क्योंकि अमेरिकी डॉलर में नरमी और फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें बनी हुई हैं। डॉलर सूचकांक अगस्त से 98 से 100 के दायरे में बना हुआ है। कमजोर डॉलर निकट भविष्य में सोने को कुछ सहारा दे सकता है।”
भाषा योगेश पाण्डेय
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