सरकार कार्यबल में कौशल की कमी दूर करने के लिए राज्यों को देगा प्रोत्साहनः सचिव

सरकार कार्यबल में कौशल की कमी दूर करने के लिए राज्यों को देगा प्रोत्साहनः सचिव

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  • Publish Date - December 15, 2025 / 05:17 PM IST,
    Updated On - December 15, 2025 / 05:17 PM IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) देश में कार्यबल को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जिलों और राज्यों को उद्योग के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर कौशल का अंतर दूर करने के लिए प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने यहां आयोजित ‘सीआईआई स्मार्ट विनिर्माण सम्मेलन 2025’ में कहा कि मंत्रालय ‘अत्यधिक स्थानीय’ दृष्टिकोण अपनाएगा, जिसमें विशेष औद्योगिक संकुलों एवं उनकी योजना जरूरतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि जिला और संभाग के स्तर पर कौशल की कमी को दूर किया जा सके।

उन्होंने कहा, “इसके पीछे सोच यह है कि योजना बेहद स्थानीय स्तर पर बनाई जाए ताकि जिला और संभाग स्तर पर जो कौशल की कमी है, वह वहां होने वाले निवेश के अनुरूप हो। हम जिलों और राज्यों को प्रोत्साहित करेंगे कि वे उद्योगों के साथ मिलकर स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए योजना बनाएं। इस तरह देखा जाएगा कि संकुल कहां हैं, हमारी योजना की जरूरतें क्या हैं और उन्हें कैसे पूरा किया जाए।”

मुखर्जी ने बताया कि मंत्रालय अनुपालन बोझ को कम करने के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) आधारित नियामकीय प्रक्रियाओं पर भी विचार कर रहा है। इससे प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उद्योगों एवं प्रशिक्षण संस्थानों को राहत देने में मदद मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के पोर्टल ‘स्किल इंडिया डिजिटल हब’ (एसआईडीएच) और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) पोर्टल को आपस में जोड़ा गया है। इस पहल का उद्देश्य एआई के माध्यम से उपलब्ध नौकरियों और उपयुक्त कौशल वाले कार्यबल के बीच बेहतर मिलान करना है।

मुखर्जी ने कहा, “श्रम मंत्रालय के एनसीएस पोर्टल पर उद्योग बड़ी संख्या में नौकरियों से संबंधित अपनी जरूरतें दर्ज कराते हैं। हमने इन दोनों पोर्टल को जोड़ दिया है और अगले 15 दिनों में एआई की मदद से लोगों को संदेश भेजना शुरू करेंगे, ताकि आसपास उपलब्ध प्रशिक्षित लोगों को उनकी योग्यता के अनुरूप नौकरियों से जोड़ा जा सके।”

उन्होंने कहा कि इस पहल से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर उद्योगों की मांग के अनुरूप कौशल विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप कार्यबल तैयार करने में मदद मिलेगी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण