चालाक चीन की एग्रेसिव इंवेस्टमेंट पॉलिसी को रोकने सरकार का बड़ा फैसला, FDI के नियमों में किया बदलाव

चालाक चीन की एग्रेसिव इंवेस्टमेंट पॉलिसी को रोकने सरकार का बड़ा फैसला, FDI के नियमों में किया बदलाव

चालाक चीन की एग्रेसिव इंवेस्टमेंट पॉलिसी को रोकने सरकार का बड़ा फैसला, FDI के नियमों में किया बदलाव
Modified Date: November 29, 2022 / 08:26 pm IST
Published Date: April 19, 2020 3:22 am IST

नई दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने शनिवार को नया नोटिफिकेशन जारी कर FDI के नियमों में बदलाव किया है। जिसके अनुसार भारत की जमीन से लगे देशों का FDI बिना सरकार की सहमति के नहीं आ सकता। इसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति दूसरे देश में है और वो भारत में इंवेस्ट करना चाहता है तो उसके लिए भी सरकार से अनुमति लेना होगा।

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भारत ने चाइना की एग्रेसिव इंवेस्टमेंट पॉलिसी के तहत इंडियन कंपनी के शेयर खरीदने में ज्यादा तेजी दिखाने के मद्देनजर ये फैसला लिया है। हाल ही में चाइना ने HDFC बैंक में अपना शेयर 1% से ज्यादा बढ़ाया था, माना जा रहा था कि चाइना और भी ऐसी कंपनियों में निवेश कर सकता है जिसमें उसे फायदा नजर आ रहा है।

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कोविड-19 से जूझ रहे अवधि में यह आशंका जताई जा रही थी कि अगर चाइना अपनी खरीद की ये रणनीति बनाएं रखता है तो कंपनियों में कंट्रोल हासिल करके भारतीय बाजारों के डायनामिक्स को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में देसी कंपनियों के हित प्रभावित हो सकते हैं और छोटे कारोबारियों पर बहुत बुरी चोट पहुंच सकती है।

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देश में जब कोई NRI निवेश करता तो उसके लिए विदेशी प्रत्यक्ष नियम के हिसाब से वह निवेश कर सकता है, सरकार ने इसके तहत अलग-अलग सेक्टर्स में अलग-अलग प्रतिशत तक निवेश की अनुमति दी है। कुछ सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट से निवेश की अनुमति होती है यानि इसके लिए सरकार की परमिशन की जरूरत नहीं होती, वहीं कुछ सेक्टर में सरकार के अप्रूवल की जरूरत होती है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com