सरकार नये कृषि कानूनों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: पीईए संजीव सान्याल

सरकार नये कृषि कानूनों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: पीईए संजीव सान्याल

सरकार नये कृषि कानूनों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध: पीईए संजीव सान्याल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: February 10, 2021 11:55 am IST

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) सरकार तीन नए कृषि कानूनों को उसकी मूल भावना के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि वे विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए अच्छे हैं। इन कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने बुधवार को ये विचार व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि बाजार व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने श्रम कानूनों में भी बदलाव किया है।

दर्जनों श्रम कानूनों की जगह अब चार श्रम संहिताएं बनयी गयी हैं।ये आधुनिक श्रम संहिताएं हैं। सान्याल वैचारिक संस्थान पब्लिक अफेयर्स फोरम आफ इंडिय द्वारा आयोजित एक आभासी सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमने बहुत सारे अनावश्यक नियमों को हटा दिया … यही बात हमने कृषि कानूनों के साथ की। इन कानूनों पर 20-30 वर्षों से बहस चल रही है … किसानों के कुछ वर्गों के लिए इसे और अधिक सुचारू बनाने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर हम इन कृषि कानूनों को उसकी मूल भावना के साथ लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि वे विशेष रूप से छोटे किसानों के लिए अच्छे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इन कानूनों में कृषि उपजों का एक एक बाजार बनाने की छूट है क्योंकि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके उत्पादों को एक विशेष मंडी के माध्यम से ही बेचा जाए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा मंडियां खत्म नहीं होने वाली हैं।वे बनी रहेंगी और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।

हालाँकि, इन तीन कानूनों – किसानों के उत्पाद का व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसानों के (सशक्तीकरण और संरक्षण) का समझौता अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020- को वापस लिये जाने की मांग को लेकर दर्जनों किसान यूनियने दिल्ली की सीमाओं पर धरना प्रदर्शन कर रही हैं।

पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कानूनों को केंद्र द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी अपनी उपज बेचने की अनुमति देगा।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर


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