नयी दिल्ली, 28 अगस्त (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को रसायन और पेट्रोरसायन क्षेत्र के निर्यातकों को बड़ी राहत देते हुए निर्यात की समय-सीमा छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दी। यह सुविधा उन उत्पादों के लिए है जो गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत आते हैं और उन्हें अग्रिम प्राधिकार योजना के तहत आयात किया जाता है।
सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत के कई उत्पादों पर 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगा दिया है। इससे रसायन जैसे क्षेत्रों को भी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
अग्रिम प्राधिकार योजना के तहत कंपनियां कुछ कच्चे माल को सीमा शुल्क चुकाए बगैर आयात कर सकती हैं, बशर्ते वे इनसे बने सामान को निश्चित समय में निर्यात करें। पहले यह समय-सीमा छह महीने की थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 18 महीने कर दिया गया है।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा, ‘अग्रिम प्राधिकार के तहत रसायन और पेट्रोरसायन विभाग द्वारा अनिवार्य गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के अधीन उत्पादों के आयात के लिए निर्यात दायित्व की अवधि मौजूदा छह महीने से बढ़ाकर 18 महीने कर दी गई है।’
यह बदलाव सभी प्राधिकार धारकों पर लागू होगा और नई समय-सीमा व्यापार पुस्तिका के नियमों के अनुरूप होगी।
इस फैसले से निर्यातकों को अधिक समय और लचीलापन मिलेगा, जिससे वे अमेरिका जैसे मुश्किल हो रहे बाजारों की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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