सरकार अधिक उत्पादों को अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के तहत लाएगी: गोयल

सरकार अधिक उत्पादों को अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के तहत लाएगी: गोयल

सरकार अधिक उत्पादों को अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के तहत लाएगी: गोयल
Modified Date: January 6, 2024 / 03:07 pm IST
Published Date: January 6, 2024 3:07 pm IST

नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के क्रम में सरकार अन्य उत्पादों को भी अनिवार्य गुणवत्ता मानकों के दायरे में लेकर आएगी।

गोयल ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के 77वें स्थापना दिवस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि उत्पादों और सेवाओं में उच्च गुणवत्ता मानकों का अनुपालन करने से भारत को ऊंचा लक्ष्य पाने और एक विकसित राष्ट्र बनने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, “इस दिशा में बीआईएस को गुणवत्ता मानकों का दूत बनना चाहिए। इसे केवल मानकों को अपनाने वाला नहीं बनना चाहिए, बल्कि मानकों का अगुवा भी बनना चाहिए।”

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देश को गुणवत्ता के प्रति संवेदनशील बनाने में बीआईएस के प्रयासों को रेखांकित करते हुए गोयल ने कहा कि गुणवत्ता मानदंडों के अनिवार्य अनुपालन के तहत और अधिक उत्पादों को लाने से उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण उत्पादों एवं सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है।

उन्होंने कहा कि अभी तक 672 उत्पादों को दायरे में लाने वाले 156 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) जारी किए जा चुके हैं। वहीं 2014 से पहले सिर्फ 106 उत्पादों को दायरे में लाने वाले 14 क्यूसीओ ही मौजूद थे।

गोयल ने कहा,“भविष्य में और अधिक उत्पाद क्यूसीओ के दायरे में लाए जाएंगे। मेरा मानना है कि हम 2,000-2,500 उत्पादों को इस दायरे में लाएंगे। गुणवत्ता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता इतनी मजबूत होगी कि भारत में उपलब्ध प्रत्येक उत्पाद/ सेवा उच्च गुणवत्ता वाली होगी।”

गोयल ने कहा कि बीआईएस को हरसंभव स्तर पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के समान गुणवत्ता मानक तैयार करने चाहिए। उन्होंने लिफ्ट, एयर फिल्टर और चिकित्सा उपकरणों जैसे उत्पादों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत इनमें अग्रणी हो सकता है और अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित कर सकता है।

उन्होंने गुणवत्ता मानक बनाने के लिए अधिक से अधिक हितधारकों की भागीदारी का भी आग्रह किया और उद्योग जगत से गुणवत्ता के परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित करने की अधिक मांग करने को कहा।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम


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