(तस्वीर के साथ)
नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को घोषणा की कि सरकार पांच भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा का निर्माण करेगी और बिहार की राजधानी पटना स्थित आईआईटी का विस्तार करेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं की पुस्तकों को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने के लिए ‘भारतीय भाषा पुस्तक’ योजना शुरू करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में 23 आईआईटी में छात्रों की कुल संख्या 65,000 से 1.35 लाख तक 100 प्रतिशत बढ़ी है। 2014 के बाद शुरू किए गए पांच आईआईटी में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा ताकि 6,500 और छात्रों को शिक्षा मिल सके। आईआईटी पटना में छात्रावास और अन्य बुनियादी ढांचे की क्षमता का भी विस्तार किया जाएगा।’’
आईआईटी पटना के विस्तार की घोषणा इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुई है।
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में आईआईटी और आईआईएससी में प्रौद्योगिकी अनुसंधान के लिए 10,000 फेलोशिप प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक विशेषज्ञता और साझेदारी के साथ कौशल विकास के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे और अगले पांच वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी ताकि युवाओं के मन में वैज्ञानिक सोच पैदा की जा सके।’’
सीतारमण ने कहा कि ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी ग्रामीण क्षेत्रों में सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2023 में कृषि, टिकाऊ शहरों और स्वास्थ्य के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) में उत्कृष्टता के तीन केंद्रों की घोषणा की थी। अब, शिक्षा के लिए एआई में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा, जिसके लिए 500 करोड़ रुपये का परिव्यय होगा।’’
उन्होंने कहा कि स्कूल तथा उच्च शिक्षा में भारतीय भाषाओं की डिजिटल पुस्तकों को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारतीय भाषा पुस्तक परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अनुराग
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