महामारी के बीच अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई असंतुलिन पुनरुद्धार की कहानी बयां कर रही है : सुब्बाराव | Growing gap between rich and poor amid epidemic tells story of intelligonal revival: Subbarao

महामारी के बीच अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई असंतुलिन पुनरुद्धार की कहानी बयां कर रही है : सुब्बाराव

महामारी के बीच अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई असंतुलिन पुनरुद्धार की कहानी बयां कर रही है : सुब्बाराव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : June 13, 2021/9:13 am IST

(बिजय कुमार सिंह)

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने ‘असंतुलित’ आर्थिक पुनरुद्धार को लेकर गहरी चिंता जताई है। सुब्बाराव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के बीच आय समानता यानी अमीर-गरीब के बीच खाई और बढ़ रही है, जो अंतुलित पुनरुद्धार की ओर इशारा करती है। उन्होंने चेताते हुए कहा कि आगे चलकर यह रुख वृद्धि की संभावनाओं को झटका दे सकता है।

सुब्बाराव ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘असंतुलित पुनरुद्धार सैद्धान्तिक रूप से गलत और राजनीतिक दृष्टि से नुकसान पहुंचाने वाला है। घरेलू बाजार में तरलता ओर विदेशी कोषों के प्रवाह की वजह से महामारी के बीच अड़चनों के बावजूद शेयरों और अन्य संपत्तियों का मूल्य बढ़ रहा है।’’

पूर्व गवर्नर ने कहा कि पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि इस साल अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त सुधार देखने को मिलेगा, लेकिन महामारी की नई लहर से ये उम्मीदें धराशायी हो गई हैं।

सुब्बाराव ने कहा, ‘‘पिछले साल अर्थव्यवस्था में चार दशक में पहली बार गिरावट आई। अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत नीचे आई। हालांकि, यह गिरावट पूर्व में लगाए गए अनुमानों से कम थी, लेकिन यह इतनी गहरी जरूर थी कि इससे असंगठित क्षेत्र के लाखों परिवारों के लिए काफी मुश्किलें पैदा हो गईं। इस साल अर्थव्यवस्था में जोरदार पुनरुद्धार की उम्मीद थी, लेकिन महामारी की दूसरी लहर से इन उम्मीदों को झटका लगा है।’’

भारतीय रिजर्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। पूर्व गवर्नर ने कहा कि 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर भी काफी प्रभावशाली होगी, लेकिन यह पिछले साल के निचले आधार प्रभाव पर हासिल होगी।

सुब्बाराव ने कहा, ‘‘यदि हम इस वृद्धि दर को हासिल कर भी लेते हैं, तो भी हमारा उत्पादन दो साल पहले के महामारी के पूर्व के स्तर से कम रहेगा। अब इसकी तुलना चीन से करें, जो कभी भी अपने महामारी पूर्व के स्तर से नीचे नहीं गया। इसी तरह अमेरिका के इस साल अपने महामारी पूर्व के स्तर को हासिल करने की उम्मीद है।’’

सुब्बाराव ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की आय घटी और उनका रोजगार छिना है, वहीं इस दौरान कुछ अमीरों की संपदा में जबर्दस्त बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘यह सैद्धान्तिक रूप से गलत और राजनीतिक दृष्टि से नुकसान वाला है।’’

उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों में जोरदार तेजी वास्तव में अत्यंत असमान पुनरुद्धार की वजह से है।

सुब्बाराव ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर तरलता के साथ विदेशी कोषों के प्रवाह से शेयरों और अन्य संपत्तियों के दाम चढ़ रहे हैं। ‘‘इसका फायदा किसे मिल रहा है, उन लोगों को जिनके पास निवेश करने के लिए पैसा है।’’

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर

 

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