संपत्ति विवाद पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, ‘दहेज में दी गई प्रॉपर्टी का भी होगा बंटवारा’

अदालत ने कहा कि संयुक्‍त परिवार की कोई संपत्ति अगर बेटी को शादी के समय दी जाती है और वह बाद में बंटवारे के अधिकार पर दावा करती है तो उस संपत्ति को भी शामिल करना होगा। High Court's big decision on property dispute, 'Property given in dowry will also be divided'

संपत्ति विवाद पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, ‘दहेज में दी गई प्रॉपर्टी का भी होगा बंटवारा’

Partition Of Property In India

Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: February 27, 2022 2:50 pm IST

बेंगलुरु : Partition Of Property In India: कर्नाटक हाई कोर्ट हिंदू उत्‍तराधिकार अधिनियम के संबंध में एक अहम व्‍यवस्‍था दी है। अदालत ने कहा कि संयुक्‍त परिवार की कोई संपत्ति अगर बेटी को शादी के समय दी जाती है और वह बाद में बंटवारे के अधिकार पर दावा करती है तो उस संपत्ति को भी शामिल करना होगा। दूसरे शब्‍दों में, दहेज में दी गई प्रॉपर्टी को पार्टिशन सूट में शामिल किया जाएगा। बेंगलुरु की एक सिविल कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने यह व्‍यवस्‍था दी। जस्टिस सूरज गोविंदराज की बेंच ने कहा, ‘मेरी राय में हिंदू उत्‍तराधिकार अधिनियम की धारा 6 की लाभार्थी संयुक्‍त परिवार में बंटवारे के लाभ का दावा नहीं कर सकती जब तक वह शादी के समय मिली प्रॉपर्टी के बारे में नहीं बताती। वे संपत्तियां कभी संयुक्‍त परिवार का हिस्‍सा थीं और वादी को मिल चुकी हैं, उन्‍हें भी बंटवारे का हिस्‍सा बनाना होगा।’

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वी सोमशेखर के आवेदन पर सिविल कोर्ट ने पार्टिशन सूट में दो प्रॉपर्टीज शामिल करने का आदेश दिया था। उनकी बहन हेमलता ने दूसरे भाई के साथ मिलकर बंटवारे के लिए अर्जी लगाई थी। दावा किया गया कि हेमलता की शादी के समय उनके पिता ने ससुर चन्‍नैया के नाम पर नॉमिनल सेल डीड की थी। ऐसे में प्रॉपर्टी का भी बंटवारा होना चाहिए क्‍योंकि यह दहेज के रूप में दी गई थी। इनमें से एक प्रॉपर्टी गांव में एक एकड़ जमीन है और दूसरी बेंगलुरु की एक रेजिडेंशियल साइट। दावा किया गया कि उनके पिता ने हेमलता और उनके पति जयरमैया के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी कर रखी थी और उन्‍हीं के नाम पर जून 2006 में सेल डीड की गई। 8 अगस्‍त, 2018 को सिविल कोर्ट ने अपना फैसला दिया।

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निचली अदानल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए हेमलता ने कहा कि ये दोनों जमीनें स्‍वतंत्र रूस से खरीदी गई थीं और पार्टिशन सूट में शामिल नहीं की जा सकतीं। जस्टिस गोविंदराज ने कहा कि चूंकि यह स्‍पष्‍ट कहा गया है कि नॉमिनल सेल डीड शादी के वक्‍त की गई, ट्रायल में यह स्‍पष्‍ट करना होगा। जज ने कहा, ‘यह दोनों पक्षों पर है कि वे ट्रायल में साबित करें कि संपत्तियां संयुक्‍त परिवार की थीं या नहीं। अगर संपत्तियां संयुक्‍त परिवार की थीं तो बंटवारे में शामिल होंगी। अगर वादी यह साबित करते हैं कि संपत्तियां उनके अपने पैसों से खरीदी गईं और फैमिली प्रॉपर्टी नहीं हैं तो उनका बंटवारा नहीं होगा।’


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com