एचपीसीएल दिव्यांगों को डीलरशिप देने के लिए एक रद्द कानून का पालन कर रही है: याचिका

एचपीसीएल दिव्यांगों को डीलरशिप देने के लिए एक रद्द कानून का पालन कर रही है: याचिका

एचपीसीएल दिव्यांगों को डीलरशिप देने के लिए एक रद्द कानून का पालन कर रही है: याचिका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:11 pm IST
Published Date: March 30, 2021 12:48 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में दावा किया गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी एचपीसीएल दिव्यांगों को डीलरशिप देने के लिए अभी भी रद्द हो चुके कानून का पालन कर रही है।

याचिका में कहा गया है कि तेल पीएसयू 1995 के पूराने विकलांग अधिनियम का पालन कर रहा है, जिसे रद्द कर दिया गया है और इस कानून की जगह दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 ने ली है।

यह याचिका एक महिला ने दायर की है, जो 75 प्रतिशत दृश्यहीनता से पीड़ित हैं। उन्होंने 2016 के कानून के अनुसार खुदरा पेट्रोल डीलरशिप या बिक्री केंद्र आवंटन में दिव्यांगों को आरक्षण देने के लिए केंद्र और एचपीसीएल को निर्देश देने का आग्रह किया है।

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अधिवक्ता संजय कुमार सिंह के माध्यम से दायर अपनी याचिका में महिला ने विकलांग अधिनियम, 2016 के तहत स्थापित मुख्य आयुक्त के कार्यालय के दिसंबर 2020 के आदेश को चुनौती दी, जिसमें एचपीसीएल की योजना या आवंटन के तरीके में कोई गलती नहीं पाई गई थी।

याचिका में दावा किया गया है कि मुख्य आयुक्त ने आवंटन योजना में कोई खामी नहीं पाई, लेकिन एचपीसीएल को 2016 के कानून के मुताबिक अपनी नीति को संशोधित करने का सुझाव दिया।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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