मुंबई, 21 दिसंबर (भाषा) यदि फिनटेक जैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय इकाइयों और बैंकों की मूल गतिविधियां एक जैसी हैं, तो दोनों के लिए एक समान नियमों की जरूरत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने बुधवार को यह बात कही।
उन्होंने ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि यदि वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी (फिनटेक) को पूंजी पर्याप्तता, अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) संबंधी आवश्यकताओं और नकदी मानदंडों जैसे बैंकों को नियंत्रित करने वाले सख्त नियमों के बिना बैंकों के समान सेवाएं मुहैया कराने की इजाजत दी जाती है, तो इससे नियामकीय जोखिम पैदा होने की आशंका है।
शंकर ने कहा कि बुनियादी बात यह है कि बैंकिंग सेवाएं देने वाली किसी भी इकाई को बैंकों के समान विनियमन के अधीन होना चाहिए।
भाषा पाण्डेय अजय
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