कोलंबिया के परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी करने का लक्ष्य: एईपीसी |

कोलंबिया के परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी करने का लक्ष्य: एईपीसी

कोलंबिया के परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी करने का लक्ष्य: एईपीसी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : January 28, 2022/6:04 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू निर्यातकों को उच्च मूल्य-वर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करके कोलंबिया के कुल परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।

एईपीसी के अध्यक्ष नरेंद्र गोयनका ने ‘भारत-कोलंबिया परिधान एवं वस्त्र तालमेल’ विषय पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि कोलंबिया के वैश्विक परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी केवल 3.2 प्रतिशत है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे दहाई अंकों में कुछ सम्मानजनक आंकड़े तक ले जाने पर विचार कर रहे हैं। हम मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ) परिधान, चिकित्सा और तकनीकी वस्त्र जैसे उच्च मूल्यवर्धित और विशेष उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

परिषद के अनुसार, हालांकि कोलंबिया में रेडीमेड कपड़ों (आरएमजी) के आयात में गिरावट आई है लेकिन भारतीय आरएमजी निर्यात कोलंबियाई बाजार में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने में सक्षम रहा है।

दुनिया से कोलंबिया का आरएमजी आयात वर्ष 2019 के 65.2 करोड़ डॉलर से घटकर वर्ष 2020 में 40.8 करोड़ डॉलर रह जाने के बीच कोलंबिया के कुल परिधान आयात में भारत की हिस्सेदारी वर्ष 2019 में 2.1 करोड़ डॉलर और वर्ष 2020 में 1.3 करोड़ डॉलर के साथ 3.2 प्रतिशत पर पूर्ववत बनी रही।

गोयनका ने कहा कि भारतीय परिधान क्षेत्र निवेश के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘कोलंबियाई निवेशक भारत में सीधे या संयुक्त उद्यमों के माध्यम से विनिर्माण सुविधाएं स्थापित कर सकते हैं, और भारत में अनुसंधान एवं विकास, नवाचार और ऊष्मायन केंद्रों के निर्माण में हमारे साथ भागीदारी कर सकते हैं।’’

कपड़ा क्षेत्र ने अप्रैल 2000 से मार्च 2021 तक 3.75 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित किया है।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, कोलंबिया में भारत के राजदूत संजीव रंजन ने कहा कि समय के साथ, कोलंबिया में खासकर महिलाओं के बीच भारतीय कपड़ों और वस्त्रों की लोकप्रियता बढ़ रही है और यह एक अतिरिक्त लाभ की स्थिति है। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 2.2 करोड़ डॉलर के निर्यात के महामारी-पूर्व स्तर तक पहुंचने के लिए संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता होगी।’’

कोलंबिया-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यकारी निदेशक क्रिस्टियन सलामांका ने कहा कि भारतीय कंपनियां कोलंबियाई फर्मों के साथ विश्वसनीय भागीदार होती हैं।

भाषा राजेश प्रेम

 

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