भारत का 2030 तक दो अरब डॉलर के जैविक उत्पादों के निर्यात का लक्ष्य

भारत का 2030 तक दो अरब डॉलर के जैविक उत्पादों के निर्यात का लक्ष्य

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  • Publish Date - December 1, 2025 / 08:55 PM IST,
    Updated On - December 1, 2025 / 08:55 PM IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय के निकाय एपिडा ने सोमवार को कहा कि भारत ने 2030 तक जैविक उत्पादों के निर्यात को बढ़ाकर दो अरब डॉलर तक करने का लक्ष्य तय किया है।

इसके लिए नीति निर्माताओं, एफपीओ, निर्यातकों और वैश्विक खरीदारों ने शिलांग में जैविक कृषि उत्पादों के प्रमाणीकरण, बाजार पहुंच और क्षमता निर्माण के मुद्दों पर चर्चा की।

पूर्वोत्तर भारत की जैविक क्षमता का इस्तेमाल करने के मकसद से, एपिडा (कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात संवर्धन प्राधिकार) मेघालय के शिलांग में पहला पूर्वोत्तर भारत जैविक सप्ताह आयोजित कर रहा है।

प्राधिकार के अनुसार भारत का कुल जैविक उत्पादन (प्रमाणीकृत और रूपांतरण दोनों मिलाकर) 2015-16 में 13.35 लाख टन से बढ़कर 2024-25 में लगभग 46.99 लाख टन हो गया है। इसमें 15 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि हुई।

इसमें कहा गया है कि भारत का जैविक उत्पादों का निर्यात 2012-13 में 21.3 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 66.5 करोड़ डॉलर हो गया है।

वृद्धि की इस रफ्तार को तेज करने के लिए 2030 तक 20,000 करोड़ रुपये (लगभग दो अरब डॉलर) का निर्यात लक्ष्य तय किया गया है।

वाणिज्य विभाग ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘‘पहले जैविक सप्ताह में नीति निर्माताओं, युवा नेतृत्व, एमपीओ, निर्यातकों और वैश्विक खरीदारों ने प्रमाणीकरण, उत्पत्तिस्थल की जानकारी, बाजार पहुंच और क्षमता निर्माण जैसे मु्द्दों पर चर्चा की।’’

एपिडा लाकाडोंग हल्दी, जैविक अदरक, अनानास, चाय और ऑर्किड दिखाने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगा रहा है, साथ ही 14 देशों के 27 खरीदारों के साथ एक विक्रेता सम्मेलन भी आयोजित किया जा रहा है। जैविक उत्पादों की मांग वैश्विक कृषि में सबसे तेजी से बढ़ने वाले खंडों में से एक है।

वर्ष 2023 में जैविक उत्पादों की वैश्विक खुदरा बिक्री लगभग 147 अरब डॉलर तक पहुंच गई।

बढ़ते शहरीकरण, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक से जुड़े खतरों के बारे में ज्यादा जागरूकता और खर्च योग्य आय बढ़ने से जैविक उत्पादों की बिक्री बढ़ी है।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

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